
ग्रहों के राजा सूर्य का कुंभ राशि में गोचर होने जा रहा है. फाल्गुन महीने में सूर्य कुम्भ राशि में रहते हैं. कुंभ राशि राशि चक्र की 11वीं वायु-जल तत्व प्रधान राशि है. सूर्य का यह महत्वपूर्ण गोचर 12 फरवरी 2025 को 19:31 बजे होने जा रहा है. वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रहों के राजा हैं और इनके बिना जीवन की कल्पना कर पाना सम्भव नहीं है. सूर्य ग्रह आत्मबल, ऊर्जा और नेतृत्व जैसे गुणों का प्रतिनिधित्व करता है. सूर्य के मजबूत होने से करियर के संबंध में लाभ मिलता है, धन प्राप्त होता हैं और पिता तथा राजसत्ता से सहयोग प्राप्त होता है. सूर्य के इस गोचर में शनि से सूर्य की कुम्भ राशि में दूसरी बार युति होगी. इससे पहले 29 फरवरी 2024 को सूर्य-शनि की युति हुई थी. इस बार यह युति 12 मार्च को पूर्वभाद्रपद नक्षत्र में कुम्भ राशि में होगी. यह एक महत्वपूर्ण युति है जिसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा.
कुंभ राशि शनि द्वारा शासित राशि है जो सूर्य के अनुकूल राशि नहीं मानी जाती है इसलिए क्योंकि सूर्य शनि शत्रु हैं. कुंभ राशि में सूर्य गोचर के दौरान सूर्य के अच्छे परिणाम नहीं होते हैं लेकिन यह कुछ राशियों के लिए शुभ फलदायक भी होता है. सिंह -कुम्भ राशि में लग्नेश और सप्तमेश की युति राजयोगकारक हो सकती है, वहीं वृष लग्न में चतुर्थेश और नवमेश-दशमेश की युति प्रबल राजयोगकारक हो सकती है. वृश्चिक लग्न में भी यह युति योगकारक हो सकती है. यह सिद्धांतत: कहा जा सकता है लेकिन किसी योग में जिसमे दो शत्रु-ग्रह योग बनाते हों उसमे काफी अशुभ परिणाम भी प्राप्त हो सकता है जैसे सिंह में सप्तम में यह युति जातक के लिए प्राणघातक हो सकती है.
कुम्भ राशि में सूर्य गोचर तथा युति के दौरान जातकों को संपत्ति संबंधित समस्याएं उठानी पड़ सकती हैं साथ ही पिता से बात विवाद हो सकता है या फिर कार्यक्षेत्र से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं. शनि-सूर्य सम्बन्ध में पिता से वादविवाद या राजा से या बड़े बुजुर्गों से होने की सम्भावना इसलिए होती है क्योंकि शनि सूर्य का पुत्र है और पिता सूर्य के प्रति जन्मजात शत्रुभाव रखता है. सूर्य का कुम्भ में गोचर कई लग्नों और राशियों के लिए अशुभ फलदायक हो सकता है जैसे कर्क लग्न और राशि में यह अष्टम भाव में गोचर और युति अशुभ फलदायक हो सकता है, वहीं मीन राशि में यह द्वादश भाव में युति अशुभ फल प्रदान कर सकती है. सूर्य का कुम्भ में गोचर और शनि से युति मेष राशि, वृष राशि, कन्या राशि, तुला राशि और धनु राशि के लिए शुभ फलदायक हो सकता है. राशि का फल जन्म कुंडली देख कर ही सही बताया जा सकता है इसलिए यहाँ सामान्य फलादेश नहीं किया जा रहा है.