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अखाड़ों में आरएसएस की राजनीति घुसने से पाप घुस गया है. पिछले दिनों दुबई से बुलाकर महाकुंभ में अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनाया गया था. इससे धर्म जगत में तूफान मच गया था. अब इस मामले मे एक नया मोड़ आया है. ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद पर अभिषिक्त करने वाली किन्नर महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को इसके संगठन के संस्थापक ऋषि अजयदास ने पद से मुक्त कर दिया है.

पत्र में यह कहा गया है बिना अनुमति के लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बिना संस्थापक की सहमती और हस्ताक्षर के जुना अखाड़े से अनुबंध किया है जो 420 है. किन्नर लक्ष्मी ने न केवल असंवैधानिक कार्य किया है बल्कि सनातन धर्म के साथ खिलवाड़ किया है. उसने एक देशद्रोह में लिप्त ग्लैमर से जुडी अभिनेत्री को धार्मिक परम्परा को न मानते हुए वैराग्य की दिशा देने के बजाय सीधे उसे महामंडलेश्वर बना कर पट्टाभिषेक कर दिया गया.

संस्थापक ने कहा कि किन्नर अखाड़े के लिए श्रृंगार प्रधान वैजयन्ती की माला दी गई जिसका इन्होने त्याग कर रुद्राक्ष धारण कर लिया. रुद्राक्ष सन्यास का चिन्ह है जिसे मुंडन के बाद धारण करने की परम्परा है. देश में सिर्फ 13 अखाड़े हैं, किन्नर एक किन्नरों का संगठन है न की कोई अखाड़ा.