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प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद राज्य में भारतीय जनता पार्टी सरकार को चारो तरफ से घिर गई है. योगी सरकार को झूठ फ़ैलाने और भगदड़ में मरे लोगो की संख्या छुपाने पर विपक्ष सहित मीडिया के पत्रकारों ने भी घेर लिया है. विपक्षी दलों के बाद अब संतों और महंतों की ओर से भी प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं और योगी सरकार की आलोचना हो रही है. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा है कि मौजूदा सरकार को सत्ता में रहने का अब नैतिक अधिकार नहीं है.

प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने एक चैनल से कहा है कि भगदड़ की घटना ने  सरकारी इंतजामों की पोल खोल दी है. अधिकारी महाकुंभ में 40 करोड़ और मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का दावा पहले ही कर रहे थे. इस हिसाब से उन्हें व्यापक तैयारी करके रखनी चाहिए थी.

शंकराचार्य ने कहा कि घटना यह बताती है कि तैयारी पूरी नहीं थी और लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया गया. अगर हमारे घर के किसी समारोह में 1000 लोगों की व्यवस्था है  तो फिर हमें वहां 5000 लोगों को नहीं बुलाना चाहिए. महाकुंभ में यही हुआ. उन्होंने योगी आदित्यनाथ को झूठा मुख्यमंत्री बताया. शंकराचार्य ने कहा कि “हमारे साथ दुर्घटना घटती है और हमारा मुख्यमंत्री हमसे छुपाता है. इसने पूरे संत समाज को झूठ बोला , धोखा दिया कि कोई मृत्यु नहीं हुई।हम लोग मृत आत्माओं के लिए उपवास तक नहीं रख पाए। ऐसे झूठे मुख्यमंत्री को इस्तीफ़ा देना चाहिए”