
अखाड़े राजनीति के अड्डे बन चुके हैं. प्रयाग महाकुम्भ में किन्नर अखाड़ा चर्चा में आया है जिसमे एक किन्नर हिमांगी सखी को महामंडलेश्वर बनाया गया. हिमंगी सखी के सन्यास पर काफी बवाल हुआ है और हिन्दू आचार्यों ने इसे धर्मविरोधी बताया है. किन्नर को सन्यास और धर्म उपदेश का अधिकार नहीं है. गौरतलब है कि जब से अखाड़ो में आरएसएस की राजनीति प्रभावी हुई है तब से यह हो रहा है. अब किसी को भी कहीं से पकड़ कर महामंडलेश्वर बनाया जा रहा है. आज प्रयाग कुम्भ में छोटा राजन इत्यदि की रखैल रह चुकी और ड्रग रैकेट से जुडी रही पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को भी किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बना दिया गया. ममता कुलकर्णी अब हिजड़ों के बीच कुलकर्णी से किन्नरी हो गई है.
शुक्रवार को ममता कुलकर्णी प्रयागराज पहुंची, फौरन उसका पिंडदान करवा कर संन्यास की दीक्षा दिलवा दी और उसको यामाई ममता नंद गिरी दे दिया गया. किन्नर अखाड़ा हिजड़ों का अखाड़ा है जिसमे स्त्री को हिजड़ा बना दिया गया और उसका परलोक नष्ट कर दिया गया. किन्नर अखाड़े में ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक कर उसे महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई है. किन्नरों ने उसे अपने गोल में शामिल किया.

अखाड़ो में महामंडलेश्वर लम्बे समय तक सन्यास का व्रत धारण करने और सनातन धर्म की सेवा करने के बाद बनाये जाते हैं. लेकिन अब कोई कहीं से पकड़ राजनीतिक उद्देश्यों से फौरन दो चार सक्षिप्त कर्मकांड करा कर महामंडलेश्वर बना दिए जाते हैं. वह दूसरे दिन आरएसएस का भजन गाने लगता है और उसके अनुसार बोलने लगता है. आजकल एक IIT का विक्षिप्त भी मोदी चलीसा पढ़ रहा है. वह दिन दूर नहीं जब वेश्याएं भी महामंडलेश्वर बना दी जाएँगी. अखाड़े अब भ्रष्ट हो चुके हैं और शातानिज्म के दूसरे अड्डे बनते जा रहे हैं. हिन्दू समाज को इनका वहिष्कार कर इन्हें दान आदि देना बंद कर देना चाहिए.