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राहु और मंगल की युति अंगारक योग का निर्माण करती है. राहु-मंगल योग को कुज स्तम्भन योग भी कहा जाता है. अंगारक योग को ज्योतिष शास्त्र में एक अशुभ योग माना गया है. इस योग को जययोग या अंतिम विजय भी कहा जाता है. राहु सबसे बलवान ग्रह है लेकिन मंगल भी बहुत बलवान ग्रह है और दोनों क्रूर ग्रह हैं, बस अंतर इतना है कि मंगल क्रूर होकर भी सत्ववाला ग्रह है और उसका चरित्र दैवी है. जबकि राहु एक दैत्य है और उसका चरित्र आसुरी है. दैवी शक्तियाँ परेशान हो सकती हैं, संकट में पड़ सकती हैं लेकिन अंत में उनकी विजय होती है क्योकि उनमे सत्व है. मंगल और राहु युति को लक्ष्मण और मेघनाद के चरित्र से समझ सकते हैं. लक्ष्मण मंगल है और मेघनाद राहु है, दोनों के बीच हुआ युद्ध हुआ था जिसमे मेघनाथ ने गलत और कपटपूर्ण तरीकों का इस्तेमाल किया और लक्ष्मण को नागपाश से बंधा था और फिर राहु की मायावी शक्तियों से लैश शक्ति बाण द्वारा बुरी तरह घायल कर दिया. हनुमान मंगल के रूप हैं उनके चमत्कारी प्रयासों से लाये संजीवनी बूटी द्वारा लक्ष्मण की जान बच गई. इस बार स्वस्थ होने के बाद लक्ष्मण ने मेघनाथ के साथ पुनः युद्ध किया और अंततः उसका वध कर दिया.

ज्योतिष में जब राहु और मंगल एक साथ होते हैं तो इसे कुज स्तम्भन कहा जाता है. इस योग में राहु मंगल की शक्तियों को ग्रास लेता है. यह राहु सभी ग्रहों के साथ करता है क्योकि राहु सबसे ताकतवर ग्रह है. राहु के कारण मंगल अपने सत्व को खो देता है. ध्यान रहे कि राहु मंगल को धोखा दे सकता है लेकिन युद्ध में मंगल को हरा नहीं सकता क्योकि मंगल में सत्व है, वह सेनापति है और दैवी चरित्र रखता है. राहु मंगल को मृत्यु जैसा अनुभव अवश्य दे सकता है, लेकिन मार नहीं सकता.

मंगल ग्रह 10वें घर में दिग्बली होता है. यदि कर्क लग्न में राहु अष्टम में मारक हो लेकिन मंगल दशम हो तो राहु जातक का अनिष्ट कर सकता है लेकिन मार नहीं सकता. दशम हॉउस दक्षिण दिशा है जिसके अधिपति देवता यमराज हैं, जो मृत्यु के देवता हैं. इसलिए यमराज का अंगारक मंगल पर आशीर्वाद रहता हैं. अगर राहु मंगल को मारने की कोशिश करता है तो वह निश्चित रूप से असफल हो जाएगा. दूसरी ओर, अगर जरूरत पड़े तो मंगल पूरी तरह से निर्दयी हो सकता है और राहु की दैत्य सेना को धूल में मिला सकता है.

मोहमद अजहरुद्दीन की इस कुंडली में अंगारक योग एकादश भाव में बना हुआ है. अजहरुद्दीन ने राहु के गहरे प्रभाव में मैचफिक्सिंग किया क्योंकि राहु का चरित्र है कंट्रोवर्सी और गुप्त गतिविधियाँ, घोका, ठगी इत्यादि. राहु बलवान है इसलिए उसका गहरा प्रभाव चन्दमा पर है. सभी जानते हैं कि राहु-केतु सूर्य और चन्द्रमा पर ग्रहण लगाते हैं. ऐसे में अजहरुद्दीन ने चन्द्रमा में मंगल की दशा राहु प्रत्यंतर दशा में अक्टूबर 2002 में मैच फिक्सिंग को स्वीकार किया. अजहरुद्दीन को कोर्ट ने लाईफ टाईम के लिए बैन कर दिया लेकिन अंत में उसकी विजय हुई और वह 2009 में MP और बाद में हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन का प्रेसिडेंट बना. इस प्रकार राहु-कुज दोष में नुकसान हो सकता है लेकिन मंगल बाद में जातक को बहाल कर देता है.