Spread the love

गाणपत्य सम्प्रदाय सनातन धर्म के पांच प्रमुख सम्प्रदायों में एक है. वैष्णव सम्प्रदाय की एकादशी की तरह चतुर्थी इस सम्प्रदाय की सबसे महत्वपूर्ण तिथि है. गणेश विघ्नहर्ता हैं इनकी प्रथम पूजा करने का विधान है. हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है लेकिन माघ महीने विशेष महत्ता है. इस बार 17 जनवरी को माघ माह की संकष्टी चतुर्थी पड़ रही है. इस दिन विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा-उपासना की महत्ता बताई गई है. मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन सच्ची श्रद्धा और भक्ति से गणपति की पूजा करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साथ ही सभी दुःख, संकट और क्लेश दूर हो जाते हैं.

सकट चतुर्थी मुहूर्त –

पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि 17 जनवरी 2025 को सुबह 04 बजकर 06 मिनट पर प्रारंभ होगी और 18 जनवरी 2025 को सुबह 05 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी. सकट चतुर्थी का व्रत 17 जनवरी 2025 को रखा जाएगा.

सकट चतुर्थी पूजन –

माघ की इस चतुर्थी में गणपति की विधि पूर्वक पूजा करके उन्हें तिल के लड्डू और तिल के बने अन्यान्य पदार्थो का भोग लगाना चाहिए. व्रत करने वालो को चन्द्र दर्शन करके गणपति को अर्घ्य प्रदान कर पूजन सम्पन्न करना चाहिए. सकट पूजा के दौरान चंद्रमा को जल में दूध और अक्षत मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए.