
वैदिक ज्योतिष में शनि सभी नीच जातियों, श्रमिकों, दरिद्रों का प्रतिनिधि है अर्थात शनि से इन सभी वर्गों को देखना चाहिए. साथ में शनि दुःख और मृत्यु है. शनि से ही इन चीजो को जन्म कुंडली में देखना चाहिए. शनि से रोग, क्रूरता, पाप, लोभ, मोह, ठगी करने की क्षमता इत्यादि भी देखना चाहिए.

जातक की जिन्दगी में जो कुछ भी बुरा होता है वह शनि से ही देखना चाहिए. शनि गरीबों को ज्यादा पीड़ित करता है, गरीब पर ही शनि सवार रहता है इसलिए तुलसीदास ने लिखा है कि गरीब की हाय नहीं लेना चाहिए “तुलसी हाय गरीब की, कबहूँ न खाली जाय। मुए ढोर के चाम से, लौह भस्म हो जाय” गरीब की हाय कभी खाली नहीं जाती. जिस प्रकार मरे हुए जानवर के चमड़े से बनी धौकनी से लोहा जल जाता है, उसी तरह गरीब की हाय से भी सताने वाला जलकर भस्म हो जाता है.
हलांकि देखा जाय तो गरीबों का शोषण करने वाला वर्ग ही शनि का कृपा पात्र होता है इसलिए गरीबों का रक्त चूसने के बाद भी उनका अनिष्ट नहीं होता है. भारत के गरीब पिछले 11 वर्ष से अनेक प्रकार से पीड़ित हो रहे हैं, कहीं उनका घर उजाड़ा जा रहा है, कहीं गरीब किसान मारे जा रहे हैं लेकिन सताने वाला बड़े मौज में है. गौरतलब है शनि किसानों का ग्रह बताया गया है. किसान शनि का प्रतिनिधि है लेकिन पिछले किसान आन्दोलन में 600 किसान मोदी सरकार के आदेश पर मार दिए गये थे लेकिन मारने वाले पर शनि का कोई वश नहीं चला. उनकी हाय नहीं लगी और न जल के भस्म ही हुआ.
शनि ठगों का ग्रह आवश्य कहा जा सकता है. गुजरात जिसे ज्योतिष ग्रन्थ में शनि शासित कहा गया है, सबसे बड़े ठगों का घर है. गुजरात में ही विश्व के सबसे बड़े ठग रहते हैं. भारत की वर्तमान ठगी सरकार में इनका वर्चस्व है. मोदी सरकार में ठगी सर्वव्यापक है. बड़े स्तर की ठगी और लूटपाट से लेकर छोटे चोर-चाईं स्तर की ठगी तक सर्वत्र देखने में आ रही है. ठगी का प्रमुख आधार झूठ, जादू-टोना, मिरेकल, धार्मिक ढोंग होता है और इन ढोंगियों का सिस्टम में महत्वपूर्ण स्थान और सम्मान है. शनि गरीबों, दलितों, श्रमिकों, किसानों का शासक है इसलिए इन वर्गों का रक्त चूसने वाले वेम्पायरों और पीड़ित करने वाले वर्गों का भी शासक है. पीड़ित करने वालों पर शनि की अनुकम्पा रहती है, गरीबों, दलितों, श्रमिकों और किसानों का शोषण करने की योग्यता शनि देता है. सफेद झूठ बोलने, कालनेमि की तरह का ढोंग करने की कला, ठगी करने की योग्यता भी शनि ही उन्हें देता है. वे जेल भी नहीं जाते, सुप्रीमकोर्ट उनके खिलाफ PIL तक स्वीकार नहीं करता. बीफ का एक्सपोर्ट करने वाली कम्पनी से बीफ का विरोध करने वाले ठगों ने 250 करोड़ चंदा लिया लेकिन शनि उन पर नाराज नहीं हुआ. अडानी शनि बन कर देश का तेल पी रहा है, अनेक बड़ी रिपोर्ट में उसकी लूटपाट का पर्दाफाश हो चूका है लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं हो रही है.
अक्सर बृहस्पति जिसका प्रतिनिधित्व करता है वही शनि बन जाता है. धर्मगुरु, पुजारी, कथावाचक, जज इत्यादि का रुलर बृहस्पति कहा जाता है. हिंसा के समर्थक ठग ठोंगी बाबा, हिंसा का समर्थक इलाहबाद हाई कोर्ट का जज, झूठ फ़ैलाने वाले पत्रकार? दलितों का दमन करने का कानून बनाने वाला राजा मनु क्या शनि नहीं माना जायेगा? वास्तव में यदि ठीक से देखा जाय तो शनि एक राजनीतिक और आर्थिक समस्या है. जब राजनीतिक-आर्थिक मामले में किसी देश का पीएम और सीएम लोक कल्याणकारी कार्य करता है तब शनि का प्रकोप गरीबो पर नहीं होता. उनके अच्छे दिन होते हैं. ज्योतिष में शनि कर्म के हॉउस दशम का नैसर्गिक कारक है इसलिए कर्म या रोजगार का न होना ही शनि का प्रकोप है. कर्म और रोजगार न होने से कोई इनकम नहीं होती इसलिए जीवन में दुःख और दरिद्रता रहती है. इस प्रकार जो जनता को हाथों को काम और रोजगार नहीं दे रहा है और जनता को हिन्दू-मुस्लिम में लगा रहा है, क्या वही जॉबलेस मध्य वर्ग और सभी कमजोर वर्गों के लिए शनि नहीं है? शनि का प्रकोप गरीबो, दलितों, किसानो और मध्यवर्ग पर तब ज्यादा देखा गया है, जब किसी समय कोई पीएम या सीएम उनके अधिकार खत्म करने में लगा रहता है, उनके वोट को लूट लेता है, सम्विधान की धज्जियां उडाता है और जनता की सम्पत्तियों को अडानी को बेच देता है.
हिंदुओं को यह समझना चाहिए कि हाथों में काम न होना, रोजगार न होना या कोई जॉब न होना ही शनि का प्रकोप है. ट्रेन की लैट्रीन में यात्रा करना ही शनि का प्रकोप है. शनि का प्रकोप IT में कार्य करने वाले उन नवयुवकों पर है जिनको 25 हजार मंथली पर 2019 में आईटी कम्पनी ने हायर किया और 2024 में भी उसे 25 हजार पर ही खटाया रहा है जबकि आवश्यकता की सभी वस्तुओं की कीमत चार गुना बढ़ चुकी है. उनकी सेलरी पांच साल में भी नहीं बढ़ रही है जबकि सरकारी नौकरों का महंगाई भत्ता सेलरी का 50 प्रतिशत बढ़ जाता है. विप्रो का मालिक नारायण मूर्ति 70 घंटे काम चाहता है अर्थात सेलरी उतनी ही बनाये रखना चाहता है. नारायण मूर्ति का प्रॉफिट उन वर्कर्स के शोषण पर ही आश्रित है, यह श्रम की ही दलाली करता है. उसे उद्योगपति नहीं कहकर लेबर बेचने वाला ठेकेदार कह सकते हो. शनि कमजोर तबके की उन हिन्दू लडकियों पर सवार है जो भरणपोषण के लिए वेश्यावृत्ति करने को बाध्य हैं. इसका कारण कोई गैसीय पिंड नहीं है, इसका कारण देश की राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था है. इसका कारण वर्तमान समय में एक गुजराती ठगो की रिजिम है जो जनता को हिंदू-मुस्लिम में बरगला कर देश को लूट रहे हैं. हिंसा, भ्रष्टाचार और बलात्कार समर्थक ठगों की रिजीम के लिए लड़ने और प्रचार करने वाली फ़िल्मी वेश्याएं, धूर्त बाबा, कथावाचक, पुजारी या ज्योतिषी भी साक्षात् शनि ही है. ऐसा समझना चाहिए.
When “reality” is seen in proper perspective i.e. the tangible conditions of production and social relations is understood, Shani ceases to exist and Jupiter takes over the Life. Good days begins and happiness is seen everywhere. One is not sold as labor to the war torn Israel.