
वैदिक ज्योतिष में लग्न, चन्द्र लग्न और सूर्य लग्न की ही सबसे ज्यादा महत्ता है, उसमे भी चन्द्र राशि तथा लग्न सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. जो फल लग्न से होता है वही फल चन्द्र लग्न से भी होता है. एक चन्द्र लग्न से ही सभी फलादेश किये जा सकते हैं. यह कारण है कि प्राचीन काल से चन्द्र लग्न की महत्ता है. जातक का जन्म नक्षत्र और राशि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है. हर नक्षत्र के चार चरण हैं और सभी चरण स्वर और व्यंजन वर्णों द्वारा अभिव्यक्त किये गये हैं. मन्त्र शास्त्र में भी राशि नाम ही सबसे ज्यादा महत्व है, राशि नाम के अनुसार मन्त्र की दीक्षा दी जाती है. राशि, नक्षत्रों के चरण के देवताओं की तालिका मन्त्र सहित दी जा रही है. मन्त्र अपनी स्वेछा अनुसार ग्रहण करें या गुरु जो बताये वही मन्त्र जप करें. मनमाने मन्त्र जप न करें, इससे अनिष्ट होता है. –
राशि | द्रेष्काण | नक्षत्र चरण अक्षर | देवता | मन्त्र |
मेष | 1 2 ३ | चू चे चो ला ली लू लो अ | गणेश रूद्र विष्णु | ॐ गं गणपतये नम: ॐ नमो भगवते रुद्राय ॐ नमो नारायणाय |
वृष | 1 2 ३ | इ उ ए ओ वा वी वू वे वो | अन्नपूर्णा श्री राम रूद्र | ॐ ह्रीं अन्नपूर्णायै नम: ॐ श्रीराम जयराम जय जय राम ॐ नमो भगवते रुद्राय |
मिथुन | 1 2 ३ | का की कू घ छ के को ह | श्री कृष्ण श्री दुर्गा | ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ॐ दुं दुर्गाय नम: |
कर्क | 1 2 ३ | ही हू हे हो डा डी डू डे डो | चण्डिका गणेश भैरव | ॐ नमश्चन्डिकायै ॐ गं गणपतये नम: ॐ बं बटुकाय नम: |
सिंह | 1 2 ३ | मा मी मू मे मो टा टी टू टे | शंकर विष्णु भैरव | ॐ नम: शिवाय ॐ नमो नारायणाय ॐ बं बटुकाय नम: |
कन्या | 1 2 ३ | टो पा पी पू ष ठ पे पो | श्री राम रूद्र लक्ष्मी | राम नाम मन्त्र ॐ नमो भगवते रुद्राय ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं |
तुला | 1 2 ३ | रा री रू रे रो ता ती तू ते | लक्ष्मी शिव कृष्ण | ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ॐ नम: शिवाय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय |
वृश्चिक | 1 2 ३ | तो ना नी नू ने नो या यी यू | हनुमान नारायण दुर्गा | ॐ हं हनुमते नम: ओं नमो नारायणाय ॐ दुम दुर्गाय नम: |
धनु | 1 2 ३ | ये यो भा भी भू धा फा ढा भे | विष्णु भैरव शिव | ॐ नमो नारायणाय ॐ बं बटुकाय नम: ॐ नम: शिवाय |
मकर | 1 2 ३ | भो जा जी खी खू खे खो गा गी | काली लक्ष्मी बाल गोपाल | ॐ क्रीं काल्यै नम: ॐ श्री महा लक्ष्मै नम: ॐ नमो भगवते वासुदेवाय |
कुम्भ | 1 2 ३ | गू गे गो सा सी सू से सो दा | शिव गोपाल कुबेर | ॐ नम: शिवाय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॐ कुबेराय नम: |
मीन | 1 2 ३ | दी दू थ झ दे दो चा ची | नारायण दुर्गा गणेश | ॐ नमो नारायणाय ॐ दुं दुर्गाय नम: ॐ गं गणपतये नम: |