मासों में कार्तिक का महात्म्य सबसे ज्यादा है क्योकि इस महीने में भगवान विष्णु और देवगण चार महीने बाद पुन: पृथ्वी लोक में उपस्थित होते हैं. इस महीने से सारे मंगल कार्य प्रारम्भ हो जाते हैं. कार्तिक पूर्णिमा सभी बारह पूर्णिमा में अत्यंत महत्वपूर्ण और महान पुण्य देने वाली कही गई. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचदशी तिथि को कार्तिक पूर्णिमा होती है. कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है. पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक मास की पूर्णिमा 15 नवंबर, 2024 को मनाई जाएगी. कार्तिक पूर्णिमा का स्नान और दान सभी पांच सम्प्रदायों में महत्वपूर्ण माना गया है. इस पूर्णिमा को श्री हरि भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार भी लिया था. कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान पुण्य करने से अक्षय पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और शिव विधि पूर्वक पूजन तथा दान करने से हर प्रकार के कष्ट और दोष खत्म होते हैं तथा सभी मनोकामनायें पूर्ण होती हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी की साथ साथ पूजा करनी चाहिए. विश्वेश्वर भगवान शिव की नगरी काशी में इस दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही महादेव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और त्रिलोक की रक्षा की थी. इस ख़ुशी में देवताओं ने काशी में आकर महादेव की प्रसन्नता के लिए दीपावली मनाई थी.
कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली मुहूर्त –
कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को सुबह 06:19 बजे शुरू हो रही है और 16 नवंबर को देर रात 02:58 बजे इसका समापन होगा. ऐसे में 15 नवंबर को ही कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी. देव दीपावली को पूजा और आरती के लिए शुभ समय संध्याकाल 05:10 बजे से लेकर 7:47 बजे तक है. इस कार्तिक महीने में अनेक शुभ योग हैं जिनमे पूजन से अमोघ फल की प्राप्ति होगी. इस दिन शिव पूजन करने का फल अनंत है.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्या करें –
1- माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करें. पूजन के बाद दीप दान आवश्य करें. 1 दीपक, 5 दीपक, 7 दीपक 11,दीपक , 21 दीपक या 51 दीपक का दान करें. घर में और मन्दिर में दीप मालिका सजाएं. इससे घर में लक्ष्मी का आगमन होता है.
2-कार्तिक पूर्णिमा के दिन अन्न-वस्त्र का दान महादान माना गया है. इस दिन अन्न या वस्त्र का दान करने से व्यक्ति के घर में कभी अन्न-वस्त्र की कमी नहीं होती. इसलिए अन्नदान जरुर करें.
३-कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुड़ का दान भी अत्यधिक लाभकारी होता है. गुड़ का दान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और दरिद्रता दूर होती है और घर में समृद्धि का वास होता है.
4-शिव की प्रसन्नता के लिए एक दीपक जलाएं जिसमे चार, आठ या बारह बत्ती हो. दीपक घी का ही जलाएं. दीपक में घी पर्याप्त मात्र में रखें ताकि यह ब्रह्म मुहूर्त तक जले.

