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हिन्दू धर्म में कहा गया है कि मोह माया त्यागने वाले को ही धर्म की उपलब्धि होती है. भगवद्गीता में कहा गया है “ज्ञेयः स नित्यसंन्यासी यो न द्वेष्टि न काङ्क्षति। निर्द्वन्द्वो हि महाबाहो सुखं बन्धात्प्रमुच्यते” हे अर्जुन तू असंसारी हो निष्कामी हो तथा निर्द्वन्द्व हो अर्थात् सुखदुःख से रहित हो, नित्य सत्त्वस्थ हो और योगक्षेम की भी इच्छा न करते हुए आत्मपरायण हो.” बाबाओं में लालसा किसी संसारी से ज्यादा है. इनमे संसारिकता को लेकर जो हाय तौबा मची हुई है वैसा सांसारिक लोगो में भी नहीं है.
प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियों के बीच अखाड़ों के बीच भूमि आवंटन को लेकर तनाव की स्थिति पैदा हो गई है और साधु-संतों के बीच जमकर मारपीट हुई. आज गुरुवार को यह विवाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में हुआ. आज प्रयागराज महाकुंभ में आश्रम का टैंट स्थापित करने के लिये संत अखाड़ों में जमीन का बंटवारा होना था. यहां जमीन बंटवारे को लेकर अखाड़ों के महंतों के बीच कहासुनी शुरू हो गई, जिसने जल्द ही एक हिंसक मोड़ ले लिया. साधु-संत आपस में लात, घूंसों और मुक्कों से एक-दूसरे पर हमला करने लगे. आपस में खूब मारपीट हुई है.