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प्राचीन ज्योतिष ग्रन्थों में केतु का अलग से फलादेश नहीं प्राप्त होता है. ज्योतिष के प्राचीन विद्वानों ने सामान्य बुद्धि का परिचय दिया कि यदि राहु सर्प का सिर है और केतु धड़ है तो केतु उससे अलग नहीं है इसलिए उसका फल अपनी सूझबुझ से राहु के अनुसार ही करना चाहिए. दोनों एक ही दानव के हिस्से हैं इसलिए दोनों की चाल एक जैसी ही होती है. राहु छद्म युद्ध करता है, केतु भी छद्म युद्ध करता है. दोनों ही गुप्त कर्मा हैं. केतु सभी प्रकार के आतंकवादियों का ग्रह है. जिन व्यक्तियों की राहु की दशा होती है उनमे सिर्फ सिर ही काम करता है, वे अधर्मी, तीखे मर्मभेदी वाक्य बोलने वाले, अत्यंत दोगले, कालनेमि की तरह ढोंग करने वाले, षड्यंत्रकारी और रेशनल होते हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक षड्यंत्रकारी संस्था है जिसके प्रमुख विशुद्ध राहु ही हैं. आरएसएस 90 साल से अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए झूठ और अज्ञानता का प्रचार करती रही है और घृणा केद्रित राजनीति करती रही है. ये 90 साल से मन्दिरों में गाय और मस्जिद में सुअर कटवा कर फेंकते रहे हैं. यही इनका इतिहास है. इसको वर्तमान राजनीतिक सन्दर्भ में समझें.

हिंदुत्व में जितने भक्त हैं चाहे वो बाबा ही हों, वे “सिर तन से जुदा” की भाषा बोलने वाले सिरविहीन केतु हैं. ये सैकड़ों केतु, राहु अर्थात उनका पापा जो करता है वही करते हैं. मोदी राहु है और भक्त उसकी पूंछ केतु हैं, जिनके सिर नहीं है. राहु झूठा, ठग, षड्यंत्रकारी, फोबिया फ़ैलाने वाला, हेटमोंगर, दुराचारी, मिथ्या प्रोपगेंडा करने वाला, अधर्मी, ढोंगी, लूटपाट करने वाला, लडकियों की डीपी लगा कर दुष्प्रचार करने वाला और पीठ पीछे घात करने वाला है. केतु भी कुतर्क (भ्रामक तर्क), मिथ्या ज्ञान, धोखाधड़ी, डकैती, हत्या, ईर्ष्या, घृणा, काला जादू, तन्त्र क्रिया इत्यादि का कारक है. राहु काल में ही भक्तों के पापा के सारे कार्य होते हैं. भक्तों के पापा में राहु ज्यादा प्रभावी है जबकि केतु समय समय पर प्रकट होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है, जब वह सीवर की नाली की गैस से चाय बनाता है या ऐसी ही बिना सिर पैर की बातें बोलता है या जब कोरोना भगाने के लिए थाली बजवाता है. भक्त इस राहु की पूंछ हैं इसलिए जिस रास्ते पर वो चलता है और अपने ट्रोल आर्मी से जो कहता है तदनुसार ये करते हैं, जैसा की नीचे दिए गये ट्वीट हैं.

दैत्यों के भी सिर नहीं होता था, बीजेपी आईटी सेल के भी सिर नहीं है. नीचे भी मोदी भक्तों के ही ट्वीट हैं. ये विशुद्ध केतु हैं, उनके सिर नहीं है. बीजेपी आईटी सेल अब बदनाम हो चूका है तो भक्त भांति भांति के ट्वीट कर बताते हैं कि वे सनातनी हैं, आईटी सेल के नहीं हैं लेकिन भाजपा आईटी सेल केतुओं से खचाखच भरा हुआ है तो केतु अपने स्वभाव का प्रदर्शन कर डालता है.

केतु के हाथ में झंडा है और तलवार है मतलब यह युद्ध करने के लिए उद्धत रहता है. भक्त भी यह करते हैं, ये विनाशक होकर समाज को बर्बाद करने में लग जाते हैं. साथ में हर पोस्ट या ट्वीट में लाल झंडा का इमोजी जरुर लगाते हैं. केतु की वाणी गंदी होती है और भक्त अपनी गंदी भाषा के लिए सोशल मीडिया पर कुख्यात हैं. राहु-केतु दोनों ही ड्रग और दुराचार इत्यादि के कारक हैं तो हिंदुत्व ने अपने राज्यों को अफगानिस्तान से आयातित ड्रग में डूबा दिया है तथा भ्रष्टाचार अपने चरम पर है. भाजपा शासित राज्य नम्बर एक के बलात्कार प्रदेश हैं. राहु-केतु दैत्य हैं इसलिए भाजपा शासित राज्य नम्बर एक के बीफ उत्पादक राज्य हैं. इन राज्यों में धर्म नदारद हो गया है और धर्म के विपरीत अधर्म का बोलबाला हो गया है.