आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गंभीर आरोप लगाया और कहा है विश्व प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू को बनाने में घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया था. प्रतिष्ठित जांच रिपोर्ट से हुआ है मन्दिर धंधे में अधिकतम मुनाफा कमाने के लिए जानवरों कि चर्बी इस्तेमाल कर रहा है. जांच रिपोर्ट से पुष्टि हुई कि तिरुपति मंदिर में वितरित प्रसाद के लड्डू बनाने में गोमांस की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया गया. रिपोर्ट में बीफ फैट इत्यादि की मिलावट का प्रतिशत भी दिया गया है. इसकी जांच होनी चाहिए क्योकि हिन्दुओं की आस्था पर यह सबसे बड़ा हमला है. क्या यह कोई ईसाई हमला है या मन्दिर पर कब्जा करने का फासिस्ट षड्यंत्र है ? या मन्हिंदिर को बदनाम करने का षड्यंत्र है? फासिस्ट्स लम्बे समय से जगनमोहन रेड्डी को ईसाई जेहादी कहते रहे हैं और उस पर कन्वर्जन का आरोप लगाते रहे हैं.
जब धर्म में बिजनेस प्रविष्ट होता है तो साथ में पाप प्रविष्ट होता है. यह मन्दिरों का पाप ही है जिसका परिणाम हुआ कि भारत की जनता की बुद्धि वर्तमान में पतन हुआ है. अनुमान लगाइये कि अब तक तिरुपति लड्डू में कितने करोड़ हिन्दू बीफ का घी खा चुके हैं?

रिपोर्ट –राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की रिपोर्ट के मुताबिक, तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने में मछली के तेल, बीफ़, और चर्बी का इस्तेमाल किया जाता है.



