1- किसी भी प्रमुख ग्रह की महादशा काल में राहु की अन्तर्दशा ज्यादातर अच्छी नहीं होती लेकिन यदि उस ग्रह से सम्बन्धित और वह ग्रह शुभ है तो अच्छा फल दे सकता है.
2-राहु की महादशा में बुध की अन्तर्दशा मानसिक विचलन का समय हो सकता है. मेंटल खराब हो सकता है. उन्माद और कोमा में जा सकता है.
3- राहु की महादशा में शुक्र की अन्तर्दशा की भविष्यवाणी करना बहुत कठिन है. दशा में दोनों का व्यवहार विचित्र होता है.
4- राहु में चंद्रमा की अन्तर्दशा में भी स्थिति खतरनाक हो सकती है. यह उदासी, अवसाद का काल हो सकता है. आत्महत्या हो सकती है.
5- शनि की महादशा और राहु की अंतर्दशा शायद की अच्छी होती है. पाप ग्रह में पाप ग्रह विनाशक हो सकता है.
6-सूर्य में राहु या राहु में सूर्य की दशा में सम्पत्ति नाश होता है. यदि कुंडली में दोनों साथ हों तो डोनाल्ड ट्रंप की तरह प्रोपर्टी का नाश होता है.
7- दूसरे घर में स्थित राहु मारक होता है उसकी दशा में पाप ग्रह की अन्तर्दशा धन का नाश करती है और मारक फल देती है. ऐसा ही अष्टम, द्वादश के राहु की दशा और अन्तर्दशा में होता है.
दशा फल का पूर्ण विश्लेषण कुंडली के विस्तृत रीडिंग से ही सम्भव है. सभी वर्ग कुंडलियों को खंगालने के बाद ही इसकी दशा का फल बताया जा सकता है.

