कल पूर्णिमा के समापन के साथ ही आषाढ़ माह का प्रारम्भ हो जाएगा. हिन्दू पंचांग में आषाढ़ हिंदी कैलेंडर का चौथा महीना होता है. इस महीने से वर्षा का प्रारम्भ हो जाता है, आकाश में बादल घुमड़ने लगते हैं. इस माह में कई महत्वपूर्ण पर्व और उत्सव पड़ेंगे. आषाढ़ माह में ही जगन्नाथ यात्रा निकाली जाती है. इसके अलावा योगिनी एकादशी और गुप्त नवरात्रि भी इस माह में पडती है. इसी महीने में देवशयनी एकादशी भी पड़ेगी. इस महीने में कर्क संक्रांति के बाद देवशयनी एकादशी के समापन के साथ ही चातुर्मास लग जाता है और चार महीने मांगलिक कार्य नहीं होते. यह चार महीने भगवान शिव और रुद्रों द्वारा शासित होता है. वर्षा ऋतु रोग व्याधि देने वाली ऋतु है इसलिए इस महीने के बाद चार महीने ऋषि महर्षि आश्रमों में ही रहते हैं और वहीं चातुर्मास करते हैं. वर्षा ऋतु के कारण बैगन इत्यादि शब्जियों और जमीन में पैदा होने वाली सब्जियों की मनाही रहती है क्योंकि उनमे कीड़े खूब लगते हैं. आषाढ़ मास में बैंगन, मसूर दाल, गोभी, लहसुन, प्याज आदि का सेवन करने से बचना चाहिए. जान लेते हैं कौन से महत्वपूर्ण पर्व और उत्सव तथा त्यौहार इस महीने में पड़ेंगे –
आषाढ़ माह के प्रमुख पर्व, व्रत और त्यौहार –
कृष्ण पिंगल संकष्टी- 25 जून 2024
योगिनी एकादशी – 2 जुलाई 2024
प्रदोष व्रत- 3 जुलाई 2024
मासिक शिवरात्रि- 4 जुलाई 2024
आषाढ़ अमावस्या- 5 जुलाई 2024
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि- 6 जुलाई 2024
जगन्नाथ रथयात्रा- 7 जुलाई 2024
विनायक चतुर्थी- 9 जुलाई 2024
कर्क संक्रांति -16 जुलाई
देवशयनी एकादशी- 17 जुलाई 2024
प्रदोश व्रत- 19 जुलाई 2024
कोकिला व्रत- 20 जुलाई 2024
गुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा- 21 जुलाई 2024

