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हिंदू पंचांग के मुताबिक वैशाख महीना 23 मई की पूर्णिमा के साथ समाप्त हो जायेगा और प्रतिपदा से ज्येष्ठ का माह शुरू हो जायेगा. यह महीना तपस का महीना है, इस महीने की दोपहरिया बड़ी गर्म होती है. जेठ की दुपहरिया अत्यंत कष्टप्रद होती है. ज्येष्ठ महीने में सभी देवता जल में निवास करते हैं. यह जल के देवता वरुण पूजा आराधना करने के लिए भी समर्पित है. पौराणिक मान्यता के मुताबिक इस महीने में किया गया जल दान कई जन्मों तक शुभ फल प्रदान करता है. इस महीने में सक्षम मनुष्यों को ठन्डे जल का प्याऊ इत्यादि लगाना चाहिए. ज्येष्ठ माह में पशु-पक्षियों के लिए भोजन और जल की व्यवस्था करनी चाहिए. इससे पुण्य की प्राप्ति होती है. इस साल ज्येष्ठ माह हिंदू पंचांग के मुताबिक 24 मई से शुरू हो रहा है जिसका समापन 23 जून तक रहेगा. इस महीने का विशेष पर्व है वट सावित्री. इस महीने में ही महत्वपूर्ण निर्जला एकादशी पड़ेगी. रामायणी सम्प्रदाय के अनुसार ज्येष्ठ माह में ही संकटमोचन हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्रीराम से हुई थी इसलिए इस महीने में बड़ा मंगल के दिन हनुमान की भी विशेष पूजा होती है.

ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले प्रमुख व्रत -पर्व और त्यौहार –

1-24 मई 2024 दिन शुक्रवार, नारद जयंती, ज्येष्ठ माह शुरू

2-26 मई 2024 दिन रविवार, संकष्टी चतुर्थी

3-28 मई 2024 दिन मंगलवार , पहला बड़ा मंगल

3-29 मई 2024 दिन बुधवार, पंचक शुरू

4-2 जून 2024 दिन रविवार, अपरा एकादशी

5-4 जून 2024 दिन मंगलवार, मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण), दूसरा बड़ा मंगल

6- 6 जून 2024 दिन गुरुवार, ज्येष्ठ अमावस्या, वट सावित्री व्रत, शनि जयंती

7-9 जून 2024 दिन रविवार, महाराणा प्रताप जयंती

8-10 जून 2024 दिन सोमवार, विनायक चतुर्थी

9-14 जून 2024 दिन शुक्रवार, धूमावती जयंती

10-15 जून 2024 दिन शनिवार, मिथुन संक्रांति, महेश नवमी

11-16 जून 2024 दिन रविवार, गंगा दशहरा

12-17 जून 2023 दिन सोमवार, गायत्री जयंती

13-18 जून 2024 दिन मंगलवार, निर्जला एकादशी

14-19 जून 2024 दिन बुधवार, प्रदोष व्रत (शुक्ल)

15-22 जून 2024 दिन शनिवार ,ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, वट पूर्णिमा व्रत, कबीरदास जयंती