नरेंद्र मोदी ने अडानी को 10 साल में भारत का सबसे धनी पूंजीपति बना दिया. दुनिया के शीर्ष पूंजीपति आश्चर्यचकित रह गये थे कि एक छोटा व्यापारी जिसकी औकात भारत के शीर्ष 20 बिजनेसमैन के करीब भी नहीं थी, वह इतने कम समय में दुनिया का तीसरे नम्बर का पूंजीपति कैसे बन सकता है? अडानी ने कोई बिजनेस नहीं किया, उसने जनता के पैसे से ही सरकारी कम्पनियां, पोर्ट, एयरपोर्ट सब खरीद लिए. इसके इतर अडानी-मोदी ने मिलकर सरकारी संस्थाओं का दुरूपयोग करके दुनिया की सबसे बड़ी ठगी को अंजाम दिया जिसका खुलासा हिंडनवर्ग रिपोर्ट में की गई थी. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी तीसरे नम्बर से धड़ाम से 25 वें नम्बर पर आ गया. विपक्षी दलों के प्रदर्शन और अंतराष्ट्रीय मीडिया में इसकी आलोचना के बावजूद इस जालसाजी की कोई जांचपड़ताल नहीं की गई. गोदी मीडिया और मोदी IT सेल को लगाया गया और देश को बताया गया कि विदेशी ताकतें देश को आगे नहीं बढ़ने देना चाहतीं. अडानी ने भी स्टेटमेंट दिया कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट देश पर हमला है. हिंडनबर्ग ने कहा कि धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद से नहीं रोका जा सकता है. राष्ट्रवाद और धार्मिकता द्वारा देश को बरगला कर हिंदुत्व ने अपने भ्रष्टाचार और लूटपाट को अंजाम दिया. राष्ट्रवाद की यही बातें व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में रामदेव की आयुर्वेद और कोरोनिल की ठगी के बारे में भी किया जा रहा है. लोगो को बताया जा रहा है कि यह ठगी नहीं विदेश कम्पनियों का षड्यंत्र है. सुप्रीम कोर्ट के जज अंग्रेजों की औलाद हैं.
गौरतलब है कि प्रधानमन्त्री बनने के बाद ही मोदी ने अपने पद का दुरूपयोग करके अडानी को स्टेट बैंक ऑफ़ इण्डिया से लाखों करोड़ का कर्ज दिलाया. इस कर्ज से ही अडानी ने देश की सम्पत्ति खरीदनी शुरू की और मोदी ने बेचना शुरू किया. इस पूंजी निर्माण में विदेश के एजेंट भी शरीक हो गये, उन्होंने बम्पर खरीदी देख कर अडानी को कर्ज देना शुरू कर दिया. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के वक्त जब अडानी के शेयर गिरने लगे तो उसे सरकारी मदद से रोका गया, इसके लिए LIC और स्टेटबैंक को लगाया गया. वर्ष 2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी को अडानी-अम्बानी ने मिलकर लगभग 20 हजार करोड़ दिए थे इसलिए मोदी किसी भी हद तक जा कर अडानी का काम कर रहा था. कांग्रेस को 50 सालों में बनियों ने इतना फंड नहीं दिया क्योंकि कांग्रेस ने देश को निर्मित किया, जनता के लिए सम्पत्तियां बनाई हैं, उसे बेचा नहीं है. प्रधानमन्त्री बनाने के लिए गुजराती बनियों के रैकेट ने सभी प्रकार के षड्यंत्र इस देश और इसकी जनता के साथ किये, उनकी मीडिया, उनके बिजनेस कंसर्न और काले धन पर निर्भर बॉलीवुड तथा धूर्त अधर्मी रामदेव, सद्गुरु, श्री श्री रविशंकर जैसे बाबा, इन सबने एक साथ झूठ को फैलाया और दुष्प्रचार किया. मोदी को प्रधानमंत्री की शपथ दिलाने के लिए अडानी ने चार्टर्ड प्लेन भेजा था.
राहुल गाँधी के लगातार हमले से घबडाये ठग मोदी ने दो दिन पहले अपने बचाव में अडानी पर हमला बोला और रैली में कहा कि टैम्पो भर भर कर काला धन कांग्रेस के पास जा रहा है जिसके कारण कांग्रेस अब अडानी का नाम नहीं ले रही है. इस वक्तव्य के बाद कांग्रेस और हमलावर हो गई है और नरेंद्र मोदी जीना एकदम मुश्किल हो चूका है. नरेंद्र मोदी अपने काले कारनामों से बुरी तरह घिर चूका है और उसका लूटपाट हिंदुत्व पूरी तरह एक्सपोज हो चूका है.

