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कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर को दस साल नरेंद्र मोदी राज में वक्फ़ बोर्ड को खत्म करने की मांग उठाने या सनातन बोर्ड बनाने की मांग करने का साहस नहीं हुआ. अब जबकि मोदी का आतंक राज खत्म होने को आया तो देवकीनंदन ने मांग करना शुरू कर दिया “सनातन बोर्ड ” बनाओ. यदि मोदी चुपके से हिन्दुओं की जमीन हडपने के लिए कृषि बिल पास कर सकता था तो वक्फ़ बोर्ड का एक्ट भी ख़त्म कर सकता था, लेकिन उसने नहीं किया. नरेंद्र मोदी गोहत्या पर कड़ा कानून ला सकता था? ले आया ! नहीं ले आया क्योंकि बीफ कम्पनियों से उसने करोड़ो रूपये लिए थे. आरएसएस का माईनोरिटी सेल क्यों हैं? कभी पूछा ? नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आते ही वक्फ़ बोर्ड को 100% व्याज मुक्त फंड दिया था ताकि वे अपने स्कूल, अस्पताल और डिजिटिल कार्य कर सकें. मोदी ने 2021 में वक्फ़ बोर्ड को 172 करोड़ फंड दिया था. राजस्थान के देवनारायण मन्दिर में मोदी ने 21 रूपये दिए थे.

ये मूर्ख कथावाचक आरएसएस के गिरोह का हिस्सा हैं. इनके कारण ही वैष्णवों के राम मन्दिर पर विश्व हिन्दू परिषद ने कब्जा कर लिया है. इनके कारण काशी विश्वनाथ मन्दिर का नाश किया और सैकड़ो हिन्दू मन्दिर तोड़े जिनका वर्णन पुराणों में भी है. इसके इतर सैकड़ों वर्षों से जो हिन्दू मन्दिर पर आश्रित थे उन्हें विस्थापित कर आरएसएस ने वहां बड़ी बड़ी दुकाने बनाई और उसे अपने लोगों को बिजनेस के लिय बेचा और किराये पर उठाया. नरेंद्र मोदी ने गोहत्या को बढ़ावा दिया और बीफ एक्पोर्ट करने वाली कम्पनियों से 550 करोड़ खाए. भाजपा शासित राज्यों में सबसे ज्यादा गौहत्याएं हुई हैं जिसमे मध्यप्रदेश शीर्ष पर है. लेकिन तब भी इन्हें लगता है नरेद्र मोदी हिदू धर्म का कोई कल्याण कर रहा है. सभी मूर्ख पुजारियों का यही भ्रम है. यह मोदी-योगी पुरी शंकराचार्य की प्रतिष्ठा मिट्टी में मिलाने पर तुले हुए हैं और एक आतंकवादी को शंकराचार्य बना कर घुमा रहे हैं, लेकिन इनको तब भी लगता है कि मोदी सनातन धर्म का कार्य कर रहा है.

देवकीनंदन जैसे अनेक मूर्ख पुराण कथावाचक है. इन्होने आरएसएस का प्रचार किया और बनियों ने काले धन में से इनकी कथा में कुछ पैसे दे दिए. इससे ज्यादा जयकार लगाने के लिए और इन्हें क्या चाहिए? पिछले एक हजार साल से पुजारी यही कर रहे हैं. इनके कारण ही हिन्दू सदैव गुलाम हुआ. इनके राजनीति पर हिन्दू कभी विश्वास न करे, इनकी राजनीति सदैव गुलामी की राजनीति रही है. ये पुजारी मूलभूत रूप से अधर्म के प्रवर्तक रहे हैं.