ज्योतिष में सबसे शुभ ग्रह गुरु बृहस्पति एक महीने के लिए अस्त होने जा रहे हैं. ज्योतिष में सूर्य के दोनों और लगभग 11 डिग्री पर बृहस्पति स्थित होते हैं तब अस्त माने जाते हैं. आज 1 मई को गोचर के दो दिन बाद अर्थात 3 मई 2024 को सुबह 3 बजकर 21 मिनट पर अस्त हो जायेंगे. गुरु ग्रह को भाग्य, सफलता, धन, सभी प्रकार के सुख का कारक माना जाता है इसलिए बृहस्पति के अस्त होने पर इन कारकों पर नकारात्मक प्रभाव पढ़ता है. अस्त बृहस्पति का सबसे ज्यादा प्रभाव विवाह और वैवाहिक जीवन पर पड़ता है इसलिए अस्त बृहस्पति के होने पर कोई मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. गुरु के अस्त होने पर विवाह, सगाई, व्रत उद्यापन, गृह प्रवेश करने की शास्त्रों में मनाही है, ऐसे में विवाह इत्यादि से सम्बन्धित कोई कार्य गुरु के उदय तक नहीं किये जायेंगे.
बृहस्पति लगभग एक महीने बाद 3 जून 2024 की प्रातः 3:21 बजे उदित अवस्था में आ जाएंगे तदुपरांत मांगलिक कार्य प्रारम्भ हो जायेंगे. वृषभ राशि में गुरु बृहस्पति एक साल तक रहेंगे. यह बृहस्पति की एक सम राशि है अर्थात इस राशि में गुरु सम रहते हैं परन्तु अनुकूल रहते हैं. वृषभ राशि में ही विराजमान रहते गुरु बृहस्पति 9 अक्टूबर 2024 को प्रातः 10:0 पर वक्री होंगे और इस अवस्था में अगले वर्ष 4 फरवरी 2025 की दोपहर 13:46 बजे तक रहेंगे.
जब भी गुरु किसी राशि में अस्त होते हैं तो बृहस्पति के कारकत्व पर प्रभाव पड़ता और उन विषयों के सम्बन्ध में परेशानियाँ आती हैं. जिन जातकों की बृहस्पति की महादशा या अन्तर्दशा चल रही है उनको परेशानियाँ झेलनी पड़ सकती हैं, उनके कार्यों में रुकावटें आ सकती हैं तथा इच्छाओं को पूरा करने में गुरु देरी कर सकता है. जिस जातक की कुंडली में गुरु ग्रह अस्त स्थिति में होते हैं, उन्हें विवाह में देरी का सामना करना पड़ता है तथा सन्तान से सम्बन्धित समस्याएं आती हैं. ऐसे में जातक को गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए और इस दिन भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए. साथ ही ज्योतिष सलाह के बाद पुखराज धारण करना चाहिए.

