हिन्दू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि कालपुरुष का दुःख है. किसी भी देश पर शनि के प्रभाव का आंकलन उस देश के दुःख से किया जा सकता है. शनि बेरोजगारी, क्राइम, लूटपाट, ठगी, अंडरग्राउंड गतिविधियाँ, जड़ता, आलस्य, आयु, मृत्यु, कष्ट, दुःख, दुखद अवस्था, विपरीत गति, वृद्धावस्था, बूढ़े लोग, पुरानी चीजें, रोग, प्राकृतिक-आपदा, बीमारी, निर्धनता, विकलांगता, अपमान, अनादर इन चीजो का कारक है. जिस देश में इनकी अधिकता होती है उन देशो पर शनि का गहरा प्रभाव होता है. किसी देश की कुंडली में शनि खराब होता है तो वह देश पुरानी चीजों, पुराने मूल्यों में ही मर खप जाता है. उस देश के बूढ़े बौरा जाते हैं जैसे भारत के व्हाट्सएप अंकल या बुढा हो गया अमिताभ बच्चन .. ऐसे में नवयुवकों का बुरा दिन आ जाता है.
जिन देशों में नवयुवक नेतृत्व करते हैं उस देश में खुशहाली और विकास होता है. Top-10 खुशहाल देशों के पीएम 60 से कम उम्र के हैं. इन देशों का हैपीनेस इंडेक्स सबसे ऊपर है. वहां के लोग खुशहाल हैं और विकसित हैं. हैपीनेस इंडेक्स को प्रमुख’ रूप से इन चीजों से मापा जाता है –
1-जनता की पर कैपिटा इनकम
2-स्वस्थ दीर्घ जीवन और कम मृत्यु दर
3-जीवन में निर्णय लेने की स्वतन्त्रता
4-सरकार पर विश्वास, व्यापार जगत पर विश्वास अर्थात करप्शन का न होना
5-उदारता
जब समाज में बूढों का वर्चस्व होता है तो उपरोक्त चीजों में ह्रास होता है क्योंकि बुढा व्यक्ति शनि का प्रतीक है और उसमे शनि कार्यरत रहता है. बूढ़े शनि को रिप्रेजेंट करते हैं इसलिए ये रिग्रेसिव होते हैं. यह रिग्रेसन न केवल देश और समाज को पीछे ले जाता है बल्कि उन्हें नरकगामी भी बनाता है. बुढा व्यक्ति मृत्युगामी होता है. शनि सभी पुरानी चीजों का कारक है इसलिए उस देश के लोग पुरानी चीजो के लिए लड़ते हैं. उन मूल्यों के लिए लड़ते हैं जो किसी कालखंड में प्रासंगिक थी लेकिन कालान्तर में समाज द्वारा ही उनका त्याग कर दिया गया था. शनि मृत्यु है, ऐसे में वह देश भी मृत्यु का अनुभव करता है. उस देश में मृत्युदर ज्यादा होती है, वहां गरीबी और बेरोजगारी ज्यादा होती है. शनि की क्रूरता के कारण समाज में भी क्रूरता बढ़ जाती है. बूढों का आतंक बढ़ जाता है और वे वासनाओं के कारण बौरा जाते हैं, इस कारण समाज विकासोन्मुख न होकर पीछे जाता है. आरएसएस छंटे हुए धूर्त और बदमाश बूढों का संगठन है इसलिए आरएसएस उन सभी चीजों को आगे बढ़ाने में प्रयासरत रहता है जो मृत्युकारक हैं. यह जीवन का विरोधी है. शनि के गहरे प्रभाव में आरएसएस-भाजपा के बूढ़े नेता नरेंद्र मोदी ने दवा कम्पनियों से हजारों करोड़ घुस लेकर उनको ड्रग-टेस्ट में फेल, डेड-दवाओं को बेचने की अनुमति दे दी जो जनता के लिए मृत्यु कारक है. बूढों के कारण देश जीवन का पक्षधर न होकर उन चीजों का पक्षधर है जो जीवन का विरोधी हैं. दूसरी तरफ जिन देशो का नेतृत्व नवयुवक पीएम कर रहे हैं वहां द्रुतगतिमान चन्द्रमा, बुध, शुक्र, मंगल जैसे ग्रह प्रभावी होते हैं. इस कारण उन देशो में द्रुत विकास होता है और समाज में नई चेतना का उन्मेष होता है.
The age of retirement is fixed for 62 years for the same reason because Saturn becomes active and old people won’t be good for progress and happiness.
हैपीनेस इंडेक्स में भारत 125वें नम्बर पर है. हैपीनेस इंडेक्स में Top-10 के देशो में नेतृत्व नवयुवकों के हाथ में होने से उन देशो में खुशहाली और विकास है. फीनलैंड के पीएम 55 साल के हैं, आयरलैंड के पीएम 45 वर्ष के हैं.

खैर आरएसएस के व्हाट्स अंकलों और आंटियों पर रविश कुमार का यह वीडियो देखें ..

