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ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण का बड़ा महत्व माना जाता है. ग्रहण एक बड़ी खगोलीय घटनाओं में एक है. सूर्य ग्रहण का सबसे पुराना जिक्र ऋग्वेद के पांचवें मंडल में मिलता है जिसमे स्वरभानु असुर अर्थात राहु द्वारा सूर्य को ग्रसे जाने का जिक्र है. इससे प्राचीन सूर्य ग्रहण का जिक्र अन्यत्र नहीं मिलता जिससे यह ज्ञात होता है कि ऋग्वैदिक काल में सूर्य ग्रहण क्यों होता है इसका पूरा पूरा ज्ञान था –
यत्त्वा॑ सूर्य॒ स्व॑र्भानु॒स्तम॒सावि॑ध्यदासु॒रः। अक्षे॑त्रवि॒द्यथा॑ मु॒ग्धो भुव॑नान्यदीधयुः ॥५॥
आज भी सूर्य विरहित राहु अर्थात व्यग्वर्क( वि-रहित, अगु-सर्प या राहु , आर्क-सूर्य अर्थात राहु विरहित सूर्य) से व्यगु निकालते हैं. यदि व्यगु 15 अंश से कम होता है सूर्यग्रहण अवश्य होता है.
25 मार्च को होली पर साल का पहला चन्द्र ग्रहण लगा था और अब 8 अप्रैल चैत्र अमावस्या को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल यानी सोमवार को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और 9 अप्रैल को सुबह 2 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण की अवधि 12 घंटे की होगी. यह सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं रहेगा. लेकिन इसका सभी बारह राशियों पर नकारात्मक और सकारात्मक असर आवश्य देखने को मिलेगा क्योंकि सूर्य आत्मकारक है. वर्ष 2024 का यह सूर्यग्रहण एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. इसे दक्षिण प्रशांत महासागर, नॉर्थ अमेरिका, मेक्सिको , यूनाइटेड स्टेट्स और कनाडा में देखा जा सकेगा. इसका कुछ भाग कोस्टा रिका, अरूबा, डोमिनिका और जमाइका में भी देखा जा सकेगा.

पंचांग के अनुसार, 2024 में साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल सोमवार के दिन मीन राशि में लगेगा. मीन राशि में पहले से ही शुक्र और राहु ग्रह विराजमान है. इस ग्रहण से शुक्र भी गहरे प्रभावित होगा. ज्योतिष के अनुसार जिस राशि में ग्रहण लगता है वह राशि 6 महीने तक प्रभावित रहती है. ऐसे में जन्म राशि से जिस हॉउस में यह ग्रहण लगेगा वह हॉउस और उसके मामले उसके प्रभाव में प्रभावित होंगे.

यह सूर्य ग्रहण मेष, वश्चिक, कन्या, कुंभ और धनु राशि वालों के लिए प्रतिकूल साबित हो सकता है. इन राशि के जातक के लिए सूर्य ग्रहण कष्टकारी हो सकता है. इन जातकों को कारोबार, धन, नौकरी, परिवार के मामले में कुछ सावधानियां रखना चाहिए. मेष और तुला राशि के जातकों को सूर्य ग्रहण के दौरान सावधान रहना बेहतर रहेगा. इस दिन कोई भी शुभ कार्य न करें, निवेश न करें और दूर की यात्रा न करें. राहु सूर्य दोनों मीन राशि में विराजमान हैं, ऐसे में मीन राशि के जातकों को चैत्र अमावस्या के दिन विशेष सावधान रहने की जरूरत है. वृश्चिक राशि के जातकों के लिए भी यह शुभ नहीं है. राजसत्ता में इन जातकों के पद की हानि होने के सम्भावना है. सिंह राशि के जातकों के लिए भी यह सूर्यग्रहण शुभ नहीं रहेगा. इन जातको को सावधान रहना चाहिए, बड़ी दुर्घटना की सम्भावना हो सकती है. मकर और कुम्भ राशि के जातकों को अपनी आंख का ध्यान रखना चाहिए. यह ग्रहण इन जातको के लिए अनेक परेशानियों का कारण बन सकता है.