भारत में नौकरी नहीं है, यहाँ तक कि छोटे मोटे मैनुएल लेबर के भी काम नहीं है. मोदी सरकार में भारतीयों का लगातार पलायन जारी है. मोदी सरकार ने देश में कोई कार्य नहीं किया सिवाय मूर्ति बनाने और उसके उद्घाटन का प्रोपगेंडा करने के. हरियाणा, उत्तरप्रदेश से भाजपा सरकार ने ही युक्रेन में काम करने के लिए हजारों श्रमिकों को भेजा है. स्वतंत्र भारत में यह पहली बार हुआ है कि कोई सरकार जो हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए निकली थी और जनता को 10 साल गुमराह किया, वह सरकार हिन्दुओं को दूसरे देश मरने के लिए भेज रही है. रूस और यूक्रेन के बीच पिछले दो सालों से जंग जारी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने कई भारतीयों को हेल्पर के तौर पर काम देकर रूस बुलाया था और वहां पहुंचते ही इन लोगों को युक्रेन की सीमा पर गोली खाने के लिए भेंज दिया गया.
ओवैसी ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारतीयों को कथित तौर पर एक एजेंट ने धोखा दिया था और उन्हें सेना सुरक्षा सहायक के रूप में काम करने के लिए वहां भेजा था. तीनों भारतीय उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब और जम्मू-कश्मीर से हैं.
ओवेसी ने पत्र में कहा, ‘उन्होंने 25 दिनों से अपने परिवारों से संपर्क नहीं किया है. उनके परिवार उनके बारे में बहुत चिंतित हैं और उन्हें भारत वापस लाने का इरादा रखते हैं, क्योंकि वे अपने परिवार में कमाने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं.’ वहीं, पीड़ितों का दावा है कि रूसी सेना की तरफ से हथियार और गोला-बारूद संभालने का प्रशिक्षण दिया गया था और रूस-यूक्रेन सीमा पर रोस्तोव-ऑन-डॉन में बंदूक की नोक पर लड़ने के लिए मजबूर किया गया था.
पीड़ित शख्स ने कहा कि वे नवंबर 2023 में यहां पहुंचे थे. उन्हें स्पष्ट रूप से बताया गया कि उन्हें युद्ध के मैदान में नहीं भेजा जाएगा. उनसे 1.95 लाख रुपये वेतन और प्रति माह 50,000 रुपये का अतिरिक्त बोनस का वादा किया गया था. दो महीने के 50,000 रुपये के बोनस के अलावा, उसे कोई पैसा नहीं मिला.

