मध्य प्रदेश के शिवपुरी में गायों के शव मिलने से इलाके में मचा हड़कंप मच गया है. बीते दिन 17 फरवरी शनिवार को जिले के करैरा थाना क्षेत्र के जंगल में 500 से अधिक गायों के शव मिले हैं. अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि इतनी बड़ी तादाद में गायें वहां कैसे पहुंचीं? सिल्लारपुर गांव के प्रधान ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन को सूचित करने के बावजूद अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सिल्लारपुर गांव के प्रधान ने कहा कि मौके पर चार से पांच सौ गायें पड़ी हुई हैं. खबरों के अनुसार यह इलाका मृत गायों के लिए एक अनौपचारिक डंपिंग ग्राउंड बन गया है. संदेह जताया जा रहा है कि शहरी इलाके से गाय से पिंड छुड़ाने के लिए उनको जहर देकर मार दिया गया था और उसे करैरा में लाकर फेंक दिया गया है.

गौरतलब है कि भाजपा की कुनीतियों की वजह से गोहत्या में सैकड़ो गुना वृद्धि दर्ज की गई है. अकेले मध्य प्रदेश ,में बीते दिनों में एक हजार से ज्यादा गायों की हत्या की गई है. पिछले दोनों भोपाल के पास एक बड़ी जीवदया गोशाला में सैकड़ों गायों के कंकाल मिले थे. आपको बता दे कि गौकशी के ज्यादातर मामले में आरएसएस-विश्वहिन्दू परिषद और भाजपा के नेता शरीक हुए मिलते हैं. गौशालाओ को चलाने वाले ज्यादातर मोदी भक्त ही इन गायों का कत्लेआम कर रहे हैं. जीवदया गोशाला सहित अनेक हिंदुत्व संचालित गोशालाओं में गायों की मृत्यु और सैकड़ो कंकाल मिलना इसका सबूत है. गाय की हड्डी की चीन में बड़ी मांग है, हड्डी एक्सपोर्ट करने के लिए भी यह किया जा सकता है. चीन इस समय हिंदुत्व का दामाद बना हुआ है.

