प्रयागराज में माघ मेला क्षेत्र के त्रिवेणी मार्ग पर शंकराचार्य के शिविर में गाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए गो संसद का आयोजन किया गया. इस महत्वपूर्ण आयोजन मे संतों ने सर्व सम्मति से गोमाता के भविष्य पर अनेक बड़े निर्णयों को लिया और कहा कि आज से सभी गाय को रामा कहकर संबोधित करेंगे. गौरतलब है रामा लक्ष्मी या सीता जी का नाम है. ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने प्रस्ताव देते हुए कहा कि रा का अभिप्राय राष्ट्र और मा का अभिप्रया मां से होगा अर्थात हमारी राष्ट्र माता होगी गाय. इसके साथ ही शिविर में आयोजित संसद में 21 प्रस्ताव पास हुए. इनके पूरे न होने पर 17 फरवरी को बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
इसके साथ ही शंकराचार्य की अगुआई में गो संसद में गोभक्तों के सहयोग से ‘राष्ट्रीय रामा गो भक्तायोग’ की स्थापना करने की घोषणा की गई. यह भक्तों द्वारा चलाया जाने वाला यह भक्तायोग डीएनए जांच से देश में सभी गौ की पहचान कर उनका पंजीकरण कराएंगा. नव संवत्सर अर्थात चैत्र मास में गाय के लिए प्रोटोकॉल घोषित किया जाएगा. गो संसद के जरिए सरकार से अपील की गई है कि गाय को राष्ट्र माता घोषित किया जाए. गाय को पशु मंत्रालय से हटाकर केंद्र सरकार गो मंत्रालय का गठन करे. गाय व गोवंश को संविधान में राज्य सूची से हटाकर केंद्रीय सूची में डाला जाए.

गोमांस का सेवन करने वालों को बहिष्कृत करने का आह्वान किया गया. संत समाज द्वारा यह आह्वान भी किया गया कि हिन्दू सिर्फ उसे वोट दें, जो अपने घोषणा पत्र के साथ यह शपथ पत्र दे कि सरकार बनते ही पहला निर्णय गाय को सम्मान देने और अभयदान देने का लिया जायेगा. गाय को राष्ट्र माता का सम्मान मिलते ही सबसे पहले संत समाज गाय का दूध लेकर अयोध्या जाएगा और वहां रामलला को भोग प्रसाद लगाएगा. सरकार से अनुरोध किया गया कि कब्जे वाली जमीन मुक्त कराकर गो चरने के लिए दी जाए.
संसद ने प्रस्ताव पास किया कि आगामी महाकुम्भ में सभी सेक्टरों में एक गो धाम बनाया जायेगा. जहां पर गाय के लिए अनाज एकत्र किया जायेगा और उस अनाज को तीर्थ स्थलों पर गायों को दिया जाए.
– गोशाला के स्थान पर गोधाम शब्द का इस्तेमाल किया जाए.
– 12 साल तक के सभी बच्चों को मिडडे मील में गाय का दूध उपलब्ध कराया जाए.
– कानून बनाकर विदेशी, जर्सी आदि संकरित गायों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए.
– गोहत्या करने वालों को मृत्यु दंड देने का प्रावधान करने की मांग सरकार से की गई.

