वैष्णव सम्प्रदाय में श्री विष्णु सहस्रनाम का जाप करने के बाद द्वादश-नाम-पंजर स्तोत्र का जाप करने की प्राचीन परम्परा है. इसमें भगवान विष्णु के 12 महत्वपूर्ण नामों, उनसे जुड़ी दिशाओं और उनके द्वारा धारण किए जाने वाले अस्त्रों का वर्णन है. इस स्तोत्र का पाठ करते हुए शरीर के अंगों पर इसका न्यास करते हैं और 12 भागों पर वैष्णव तिलक/थिरुमन लगाते हैं. यह एक शक्तिशाली वैष्णव कवच जैसा ही है. इसके अंगों में विधिपूर्वक ध्यान करते हुए न्यास करने से हर प्रकार से रक्षा होती है और साधक को हर कार्य में सफलता मिलती है. सभी द्वादश नाम द्वादश आदित्यों की शक्ति को समाहित करते हैं. यह शक्तियाँ हैं जिनके वर्ण और स्वरूप का वर्णन स्तोत्र में किया गया है.

द्वादशनाम विष्णु पंजर स्तोत्र–
पुरस्तात् केशवः पातु चक्री जाम्बूनदप्रभः ।
पश्चान्नारायणः शङ्खी नीलजीमूतसन्निभः ॥ १ ॥
इन्दीवरदलश्यामो माधवोर्ध्वं गदाधरः ।
गोविन्दो दक्षिणे पार्श्वे धन्वी चन्द्रप्रभो महान् ॥ २ ॥
उत्तरे हलभृद्विष्णुः पद्मकिञ्जल्कसन्निभः ।
आग्नेय्यामरविन्दाभो मुसली मधुसूदनः ॥ ३ ॥
त्रिविक्रमः खड्गपाणिः निऋत्यां ज्वलनप्रभः ।
वायव्यां वामनो वज्री तरुणादित्यदीप्तिमान् ॥ ४ ॥
एशान्यां पुण्डरीकाभः श्रीधरः पट्टसायुधः ।
विद्युत्प्रभो हृषीकेशः स बाह्यान् दिशि मुद्गरी ॥ ५ ॥
हृत्पद्मे पद्मनाभो मे सहस्रार्कसमप्रभः ।
सर्वायुधः सर्वशक्तिः सर्वज्ञः सर्वतोमुखः ॥ ६ ॥
इन्द्रगोपकसङ्काशः पाशहस्तोऽपराजितः ।
स बाह्याभ्यन्तरं देहं व्याप्य दामोदर स्थितः ॥ ७ ॥
एवं सर्वत्रमच्छिद्रं नामद्वादशपञ्जरम ।
प्रविष्टोऽहं न मे किञ्चिद्भयमस्ति कदाचन ॥ ८ ॥
भयन्नास्ति कदाचन ओं नम इति ।
1: केशव : माथे पर तिलक लगाते समय नाम का जाप करें; वह जो पूर्व में हमारी रक्षा करते हैं, उनका रंग सुनहरा है और वह स्वर्ण श्री चक्र धारण करते हैं. केशव नाम का जाप करने से, व्यक्ति को अपने क्लेशों (हमारे सभी दर्द और पीड़ा का मूल कारण) से छुटकारा मिल जाता है.
2. नारायण : मध्य में पेट पर तिलक लगाते समय नाम का जाप करें; जो सभी जीवों का आधार और रक्षक हैं. वह पश्चिम में हमारी रक्षा करते हैं. उनके हाथ में एक शंख है और उनका गहरे नीले बादल जैसा स्वरूप है.
3. माधव: छाती पर तिलक लगाते समय नाम का जाप करें. हमारी माता के स्वामी, जो सम्पूर्ण प्रपंच की माता हैं. वे ऊपर से हमारी रक्षा करते हैं, उसका रंग नीला लिली जैसा है और वह अपने हाथ में गदा धारण करते हैं.
4. गोविंदा: अंतःगर्दन पर तिलक लगाते समय नाम का जाप करें; जो सभी महिमाओं का स्वामी हैं; जिसने इस पृथ्वी का उद्धार किया था (वराह अवतार); वे दक्षिण दिशा से हमारी रक्षा करते हैं. उनकी चन्द्रमा की सी शीतल कान्ति है और वे बाण धारण करते हैं.
5. विष्णु: दाहिने पेट पर तिलक लगाते समय नाम का जाप करें. जो हर चीज़ में, हर जगह मौजूद है; जो ऊपर से हमारी रक्षा करते हैं. उनका रंग कमल के तंतु जैसा है और वह हल लेकर चलते हैं.
6. मधुसुधा (मधुसुदन): दाहिनी ओर से तिलक लगाते समय नाम का जाप करें. जिसने राक्षस को नष्ट कर दिया है – मधु; इंद्रिय/इन्द्रियों का भी प्रतिनिधित्व करते हैं. वे दक्षिण-पूर्व से हमारी रक्षा करते हैं, उनका कमल के समान रंग है और वे हाथों में मूसल धारण करते हैं.
7. त्रिविक्रम: दाहिनी गर्दन पर तिलक लगाते समय नाम का जाप करें. जिन्होनें 3 मापने योग्य मापों को मापा है – ऋक/यजुर/साम, सत्व/रजस/तमस, भू:/भुव:/सुव: आदि जिनका स्वरूप हैं. वे दक्षिण-पश्चिम से हमारी रक्षा करते हैं. वे अग्नि वर्ण की कांति वाले हैं और हाथों में तलवार धारण करते हैं.
8. वामन: बाएं पेट पर तिलक लगाते समय नाम का जाप करें. जिसका स्वरुप द्रष्टा के मन में आनंद लाता है; जो उत्तर-पश्चिम से हमारी रक्षा करते हैं, मध्याह्न सूर्य की तरह प्रकाशित होते हैं और जिनके वज्र के आयुध हैं जो वज्रपात करते हैं.
9. श्रीधर: बाएं कंधे पर तिलक लगाते समय नाम का जाप करें. जो मणि की प्रभा की तरह प्रकशित हैं, जिनकी फूल की गंध की तरह दिव्यता है; उत्तर-पूर्व से हमारी रक्षा करते हैं. उनका कमल का सा जिनका वर्ण है, वे जो भाला धारण करते हैं.
10. ऋषिकेष: बायीं गर्दन पर तिलक लगाते समय नाम का जाप करें. जो हमारी 5 इंद्रियों (कर्मेंद्रिय और ज्ञानेंद्रिय दोनों) को नियंत्रित करता है; वह नीचे से हमारी रक्षा करे. उनकी बिजली की तरह कौंघ है और जो हाथो में हथौड़ा धारण करते हैं.
11. पद्मनाभ : पीठ पर तिलक लगाते समय नाम का जाप करें. जिनकी नाभि में कमल है जो ब्रह्मांड को प्रकट करते हैं; जो हजारों सूर्यों के तेज से युक्त हैं, वे पद्मनाभ सभी दिशाओं से रक्षा करने वाले और सभी हथियार धारण करने वाले हैं.
12. दामोधर: गले के पृष्ठ भाग पर तिलक लगाते समय नाम जप करें. जो अव्यक्त ब्रह्माण्ड को अपने पेट में धारण करते हैं; वह अंदर और बाहर से मेरी रक्षा करें. उनका रंग रेशम के कीड़ों जैसा है और उसके हाथों में पाश हैं.

