ज्योतिष मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सनातन धर्म में आस्था रखने वाले और धर्म करने वाले हिन्दुओं और राजनीतिक धर्मविहीन भौतिकवाद को सर्वोच्च मानने वाले और हिन्दू धर्म की राजनीति करने वाले हिन्दुओं में अंतर करते हुए, एक को सनातनधर्मी हिन्दूत्व और दूसरे को राजनीतिक हिंदूत्व कहा है. यह महत्वपूर्ण अंतर है. राजनीतिक हिंदुत्व कौन है? यह आरएसएस-भाजपा का हिंदुत्व है जो धर्म में विश्वास नहीं करते सिर्फ उसकी राजनीति करते हैं. इनके प्रमुख गुणधर्म ये हैं –
1- इनका सब कुछ झूठ और दुष्प्रचार पर आधारित होता है.
2-हिंसा-दंगा और षड्यंत्र कर राजनीतिक शक्ति प्राप्त करना इनका उद्देश्य है.
3-समाज में अधर्म को बढ़ावा देना. भ्रष्टाचारियों और बलात्कारियों का संरक्षण करना इनकी नैतिकता है.
4-जो हिन्दू इनके मत को न माने, जो साधु-महात्मा इनके राजनीतिक रैली में, इनके प्लेटफॉर्म पर न आयें उन्हें एंटी-हिन्दू बताना इनकी नीति है.
5-अधर्म फ़ैलाने, दंगा इत्यादि करवाने, ‘सिर तन से जुदा’ के नारे लगवाने के लिए राजनीतिक कालनेमि बाबाओं का उत्पादन करना. रावण के बाद कालनेमि उत्पादन की सबसे बड़ी फैक्ट्री विश्व हिन्दू परिषद ने लगा रखी है.
6-देश और जनता की समस्याओं को तरजीह न देना और हर चुनाव में किसी धार्मिक मुद्दे द्वारा हिन्दू समाज को मूर्ख बनाना. मन्दिर के पुजारियों और लालची बाबाओं को लालच देकर खरीद लेना और मन्दिर की पवित्रता को खत्म करके उसे राजनीतिक दुष्प्रचार का केंद्र बनाना.
7-सत्ता प्राप्त कर अडानी जैसे चंद कार्पोरेट की सेवा करना और देश की सम्पत्ति को बेचना, चीन के द्वारा किये जा रहे सीमा के अतिक्रमण पर मौन साधे रहना मानों चीन इनका जमाई हो.
8-जो कोई इनका साथी हिंदुत्व मेम्बर इनके हितो में आड़े आये उसे देशद्रोही बताकर निकाल बाहर करना.
7-सनातन हिन्दू धर्म के प्राचीन तीर्थ और मन्दिरों की जमीन जायदाद पर कब्जा करना.
8-सनातन हिन्दू धर्म में जिसे अधर्म कहा गया है उसी की प्रेक्टिस करना. धार्मिक मिथ्याचार में कालनेमि से भी औव्वल बनना.
9- इनका प्रमुख लीडर नरेंद्र मोदी चार्वाक मत का फॉलोवर है जो महंगे से महंगा भोग का उपभोग करने वाला है लेकिन खुद को त्यागी बताता है. हिन्दू धर्म की सभी मर्यादाओं को न मानने वाला, पत्नी का त्याग करने वाला, धर्म का मिथ्याचार ऐसा की गुफा में मीडिया लेकर फोटो खिचाते हैं और इनके अधर्मियों का रैकेट उसे ध्यान बताता है. सदैव झूठ ही बोलने वाले ये महोदय इस राजनीतिक हिंदुत्व के आदर्श हैं.
10-इनकी राजनीतिक विचारधारा फासिज्म है.
यही सब इनके कुछ गुणधर्म हैं जो चार्वाक मत के अनुसार ही है. मोदी चार्वाक मत पर चलते हैं जिसका परिणाम ये हुआ है कि देश का कर्ज देश की GDP के बराबर हो गया है और अब उसे पार कर गया है.
यावज्जीवेत सुखं जीवेद ऋणं कृत्वा घृतं पिवेत, भस्मीभूतस्य देहस्य पुनरागमनं कुतः॥
जब तक जिओ सुख पूर्वक जिओ, ऋण लेकर घी पियो. क्योंकि इस शरीर के भस्मीभूत हो जाने के बाद पुनर्जन्म नहीं होता.
सनातनी हिन्दू ठीक इसके विपरीत हैं. हम उस सनातन हिन्दू धर्म के अनुयायी हैं जिसके प्रवर्तक महर्षि व्यास, आदि शंकराचार्य जैसे ऋषि हैं.

