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राहुल गांधी ने भाजपा की मन्दिर राजनीति की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा है कि राजनीति में धर्म का निर्वाह करना चाहिए, धर्म के लिए राजनीति नहीं करनी चाहिए. कांग्रेस सभी की सहभागिता से भाईचारे में विश्वास करती है, यही देश हित में है. राहुल ने कहा कि वह एक आस्तिक व्यक्ति हैं और मानते हैं कि धर्म एक पर्सनल रिश्ता है. धर्म का प्रयोग कभी व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

राहुल ने कहा कि वह हिंदुत्व में विश्वास करते हैं, दिखावे और राजनीति में विश्वास नहीं करते. राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में काफी भीड़ उमड़ रही है. आग में जलते नार्थ ईस्ट को राहुल से बड़ी आशा बन गई है. इधर बीच न्याय यात्रा मंगलवार को नगालैंड पहुंच गई है. राहुल गाँधी ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को राजनीतिक कार्यक्रम करार दिया है. उन्होंने कहा, कांग्रेस के नेताओं के लिए 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होना इसलिए मुश्किल था, क्योंकि भाजपा और आरएसएस ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रित एक राजनीतिक कार्यक्रम में बदल दिया है. इसे लेकर चारों शंकराचार्यों ने भी कह दिया की यह धार्मिक आयोजन नहीं है. इसलिए वह नहीं जाएंगे. ऐसे में कैसे आप इसका हिस्सा हो सकते हैं, जो धर्मसम्मत है ही नहीं.