Spread the love

श्री ऋगवैदिय पूर्वाम्नाय गोवर्धनमठ पुरी पीठ के वर्तमान 145 वें श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज ने आरएसएस-मोदी द्वारा राजनितिक लाभ के लिए किये जा रहे प्राणप्रतिष्ठा आयोजन को अशास्त्रसम्मत करार देकर उसका बॉयकोट कर दिया है. शंकराचार्य जी ने एक स्टेटमेंट देते हुए कहा है कि शात्रसम्मत सनातन सरणी का समुच्छेद कर यह आयोजन किया जा रहा है. इससे दैवीप्रकोप और विप्लव की सम्भावना है. गौरतलब है कि आरएसएस-भाजपा द्वारा किये जा रहे इस राजनीतिक आयोजन का देश के अनेक प्रतिष्ठ संत विरोध कर रहे हैं और अशास्त्रसम्मत बता रहे हैं.

इस विरोध और बॉयकोट की एक वजह तो यह है कि यह नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा रहा है जो शास्त्रीय मर्यादा को नहीं मानता. दूसरे वह अपनी पत्नी का त्याग करने वाला हिन्दू है और पत्नीविहीन सांसारिक व्यक्ति मन्दिर की प्राणप्रतिष्ठा नहीं कर सकता. मन्दिर की प्राणप्रतिष्ठा गुरु, सन्यासी कर सकते हैं या गृहस्थ प्राणप्रतिष्ठा का संकल्प लेकर पूजन में बैठ सकता है. यही मर्यादा है जिसका वाल्मीकि रामायण में भी वर्णन है. इसके इतर राजनीतिक आयोजन का होना और अधूरे बने मन्दिर में प्राणप्रतिष्ठा करना. अधूरे बने मन्दिर में प्राणप्रतिष्ठा करने से देवता नाराज होते हैं क्योंकि यह वास्तुशास्त्र के खिलाफ है. वास्तु शास्त्र भी सनातन वैदिक धर्म का षडंग है.

नरेंद्र मोदी के लिए हिन्दू धर्म एक खेल मात्र है, वह मूलभूत रूप से नास्तिक है जो इसका दुरूपयोग कर हिन्दू जनता को मूर्ख बनाकर वोट चाहता है और सत्ता में बने रहकर अडानी जैसों को देश की सम्पत्ति बेचना चाहता है. नीचे अटैच किया गया वीडियो उसके मिथ्याचारी होने का प्रमाण है. कलश में बिना जल के ही यह मिथ्याचारी अर्घ्य दे रहा है-