हर महीने की अष्टमी दुर्गा उपासकों के लिए विशेष होती है. अष्टमी दुर्गा को समर्पित है. अष्टमी को मासिक दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. हर महीने में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की अष्टमी होती है. मनोवांछित फल को प्राप्त करने के लिए माँ दुर्गा का अष्टमी तिथि में पूजन बहुत लाभप्रद है. पौष शुक्ल पक्ष की अष्टमी 18 जनवरी से शाकम्भरी या बनादा नवरात्रि शुरू है. यह बानदा नवरात्रि दक्षिण भारत में विशेष प्रचलित है इसे ‘वन शंकरी’ नवरात्रि कहते हैं. यह आठ दिन की नवरात्रि पौष शुक्ल पक्ष की अष्टमी से पूर्णिमा तक की जाती है. पौष पूर्णिमा को ही शाकम्भरी का अवतरण हुआ था. इस दिन शाकम्भरी दुर्गा को हरी शब्जियों, फल, पत्तों द्वारा श्रृंगार करके उनकी पूजा की जाती है. इनकी पूजा से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती. यह तन्त्र साधना करने वाले दक्षिणात्यों में विशेष रूप से प्रिय है.
हिन्दू पंचांग के अनुसार हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी का व्रत किया जाता है. इस दिन देवी दुर्गा के भक्त उनकी पूजा करते हैं और पूरे दिन उपवास रखते हैं. अष्टमी मां दुर्गा के सभी रूपों की शास्त्रीय विधि से पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. अष्टमी में दुर्गा पूजन से घर में सुख-समृद्धि आती है, सुख-समृद्धि आती है, धन-लक्ष्मी आती है.
अष्टमी को रात्रि में मां दुर्गा का पंचोपचार पूजन कर खीर का भोग लगा कर सपरिवार जागरण करे और 
 “दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। 
दारिद्रयदुःखभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽर्द्रचित्ता ।।” 
इस मन्त्र 1100 भावपूर्ण जप पूर्ण करे. गाय के घी का दीपक ही जलाएं. जप पूर्ण कर आरती सम्पन्न करके कन्याओं को खिलाये और उन्हें इच्छित वस्तुओं का दान करे. ऐसा 11अष्टमी करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है. यदि अष्टमी रविवार को पड़े तो दुर्गा माता का राहु काल में पूजन करने से दुश्मन का नाश होता है. रविवार की अष्टमी में राहु काल से प्रारम्भ कर सोमवार सूर्योदय तक दुर्गा का अनुष्ठान पूजा करना विहित है. एक मात्र यही दिन राहु काल में दुर्गा पूजन के लिए प्रशस्त है.  मिट्टी से अपने हाथ से दुर्गा जी की मूर्ति बना कर दुर्गा पूजन करने से पूजा करने वाले की इच्छा आवश्य पूरी हो जाती है.  
पौष कृष्ण पक्ष अष्टमी मुहूर्त –
सोमवार, 04 जनवरी 2024
अष्टमी तिथि आरंभ: 03 जनवरी 2024 दोपहर 7:49 पीएम
अष्टमी समाप्ति तिथि: 04 जनवरी 2024 शाम 10:04 पीएम
पौष शुक्ल पक्ष अष्टमी –
अष्टमी तिथि प्रारम्भ – जनवरी 17, 2024 को 10:06 पी एम बजे
अष्टमी तिथि समाप्त – जनवरी 18, 2024 को 08:44 पी एम बजे
समापन- गुरुवार, 25 जनवरी 2024  पूर्णिमा
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – जनवरी 24, 2024 को 09:49 पी एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – जनवरी 25, 2024 को 11:23 पी एम बजे

