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दिवाली (Diwali) से एक दिन पहले यानी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को ही भूत चतुर्दशी ( Bhoot Chaturdashi) के नाम से जाना जाता है. उत्तर भारत में इसे नरक चतुर्दशी के रूप में मनाते हैं लेकिन बंगाल में इसे काली चौदस और भूत चतुर्दशी के नाम से मनाते हैं. यम तिथि होने से यह पर्व काली पूजा और भूत-प्रेत (Ghosts) या आत्माओं से जुड़ा हुआ माना जाता है.

माना जाता है कि भूत चतुर्दशी की रात अनेक भूत-प्रेत और बुरी शक्तियां अधिक प्रभावी होती हैं.काली चौदस की अंधेरी रात में आत्माएं अपने प्रिय लोगों से मिलने के लिए आती हैं. मान्‍यतानुसार भूत चतुर्दशी के दिन ही परिवारों के 14 पूर्वज अपने जीवित रिश्तेदारों से मिलने के लिए घर पर पहुंचते हैं. उनके स्‍वागत में 14 चोदो प्रोदीपो (choddo prodip) जलाए जाते हैं. ये दीपक कुनबे के 14 पुरुषों को समर्पित हैं. वे 14 पुरुष हैं:- 1) पिता, 2) दादा, 3) परदादा, 4) दादी, 5) परदादी, 6) नाना, 7) परदादा, 8) परदादा, 9 ) माँ, 10) नानी, 11) परदादी। और 12) बूढ़ी परदादी अपने साथ 13) ससुर 14) सास.

इस दिन यम तर्पण करने की प्रथा भी है, इनमे चौदह यम सम्मिलित रहते हैं. ये 14 यमराज हैं: 1) मृत्य, 2) धर्मराज, 3) अंतक, 4) वैवस्वत, 5) काल, 6) सर्वभुक्षय, 7) उडुंबर, 8) यम, 9) निण, 10) दध्न, 11) बृकोदर। , 12) चित्रगुप्त, 13) चित्रा और 14) परमेष्ठी।

बंगाल में मान्यता है कि मां चामुंडा अपने भयावह रूप से बुरी आत्माओं को दूर भगाती हैं और महाकाली का भयावह रूप बुरी आत्माओं को घरों में प्रवेश करने से रोकती हैं इसलिए काली पूजा से पूर्व 14 दिए जलाने की परम्परा है. तन्त्र में चतुर्दशी विशेष तिथि है. यह मान्यता है इन दियों से काली बुरी आत्माओं को घर से निकाल भगाती हैं. इस रात बुरी शक्तियां अधिक हावी होती हैं इसलिए इन बुरी शक्तियों को दूर रखने के लिए भूत चतुर्दशी के दिन 14 अलग-अलग तरह की पत्तेदार सब्जियों और साग को पकाने और खाने की परंपरा है. इस दिन बच्चों को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जाती है. गावों में मान्‍यता है कि इस रात तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए बच्चों का अपहरण करते हैं और उनकी बलि चढ़ाकर काली शक्तियां प्राप्त करते हैं.

वर्तमान में बंगाल की भूत चतुर्दशी कुछ Halloween की तरह बन गई है और इसमें कला का समावेश हो गया है. बंगाली कला प्रिय होते हैं तो भूतचतुर्दशी भी दुर्गापूजा की तरह इनोवेटिव बन गई है. नीचे कुछ तस्वीरें देखें –