तेरहवीं शताब्दी के उड़ीसा प्रान्त से प्राप्त अद्भुत 9 ग्रह ब्रिटेन के ब्रिटिश म्यूजियम में रखे गये हैं. ये मूर्तियाँ ब्रिटिश अपने शासन काल में लूट कर ब्रिटेन ले गये थे. ऐसे अनेक अद्भुत शिल्प ब्रिटेन में मौजूद हैं जिन्हें भारत की सरकारों ने वापस लाने का कोई प्रयास नहीं किया. ब्रिटिश म्यूजियम के नवग्रह कोणार्क सूर्य मन्दिर से लूटे गये थे. म्यूजियम के अनुसार ये शिल्प ईसाई मिशनरी लूट कर ब्रिटेन ले गये थे और म्यूजियम को दिया था.
कोणार्क सूर्य मन्दिर विश्व का सबसे अनोखा और उत्कृष्ट सूर्य मन्दिर है जिसे 13वीं शताब्दी में गंग राजवंश के राजाओं द्वारा बनवाया गया था. ब्रिटिश म्यूजियम में ही 11वीं शताब्दी के चोल पीरियड की नटराज की अद्भुत प्रतिमा है. इन शिल्पों को भारत लाने का प्रयास किया जाना चाहिए. दुनिया भर के देश यह प्रयास कर रहे हैं, ब्रिटेन से ग्रीस ने अभी हालिया में लूटी गई अपनी सांस्कृतिक धरोहर को प्राप्त किया है.
ये नवग्रह अद्भुत काले सैलैनाइट पत्थर से बने हैं और काफी उत्तम क्वालिटी के स्टोन हैं.

ब्रिटिश म्यूजियम के राहु-केतु अनोखे हैं. ऐसी प्रतिमा और राहु का रूप भारत में अन्यत्र प्राप्त नहीं है. राहु के दोनों हाथ में चंद्रमा है और मुख विस्फारित है, जिससे चन्द्रमा को ग्रसने की प्रतीति होती है. यह प्राचीन मान्यता है कि राहु-केतु सूर्य ग्रहण और चन्द्रग्रहण का कारण बनते हैं.

केतु ब्रिटिश म्यूजियम ..केतु मूर्ति सौम्य है जिससे यह स्पष्ट है कि राहु की तुलना में केतु क्रूर नहीं है. केतु की सौम्यता उसके आध्यात्मिक ग्रह होने की तरफ इंगित करती है.

Shani in British Museum ..


