ईसाई धर्म के एकमात्र सबसे पवित्र ग्रन्थ बाईबिल ( Old and New Testament) के प्रारम्भ में ही ज्योतिषी भविष्यदर्शी मागी का जिक्र आता है. हिंदू धर्म में वैष्णव सम्प्रदाय में विष्णु के अवतार श्री कृष्ण के जीवन चरित्र में भी ज्योतिषी ही प्रमुख स्थान रखते हैं. श्री कृष्ण के अवतरण को पूर्ण रूप से पहले ही जान लेने वाले गर्गाचार्य ने ही भगवान के जन्म के बाद उनका गुप्त रूप से नामकरण किया था. ऐतिहासिक रूप से द्वापर युग में घटित हुई यह लगभग 3500 ईसापूर्व की घटना है. श्री कृष्ण के जन्म से पूर्व भी त्रेतायुग में श्री राम के जन्म के बारे ज्योतिषीय विवरण वाल्मीकि रामायण में प्राप्त है जो 100 ईसा पूर्व के आसपास की कृति बताई जाती है.
पवित्र ग्रन्थ बाईबिल ( Old and New Testament) के प्रारम्भ में ईश्वर के पुत्र ईसामसीह (जीसस Jesus christ) के जन्म के समय आकाशीय ग्रहों और नक्षत्रो की गति को देख कर ज्योतिषी का आगमन होने का वर्णन किया गया है. ज्योतिषी जिन्हें मागी कहा जाता था वह आया और उसने कहा – यहूदियों का वह सम्राट कहाँ है? हमने पूर्व में वह नक्षत्र उदित हुए देखा था (जो एक निश्चित चिन्ह था ) और इसलिए हम उन्हें प्रणाम करने आये हैं.
Where is the one born king of the Jews? For we saw his star when we were in the East, and we have come to do obeisance to him.”—Matthew 2:1, 2.
इसी प्रकार का विवरण का श्रीमदभागवत पुराण में गर्गाचार्य के आगमन का भी किया गया है. कृष्ण के पिता नन्द महाराज उन्हें ज्योतिषाचार्य और ब्रह्मज्ञानी कह कर सम्बोधित करते हैं. गर्गाचार्य को पहले से ही पता है कि कृष्ण कंस का बध करने और धर्म की स्थापना के लिए अवतरित हुए हैं, इसलिए वे उनका गुप्त नामकरण करते हैं जिससे कंस को पता न चले कि उस युग के सबसे प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध गर्गाचार्य आये थे. गर्गाचार्य जैसे त्रिकालदर्शी यूँ कहीं नहीं जाते? इससे कंस को संदेह हो जाता इसलिए सब कुछ गुप्त करके चले गये. हिन्दू धर्म में जितने ऋषि-महर्षि हैं सभी ज्योतिष शास्त्र के संस्थापक आचार्य प्रणेता हैं.
बाईबिल के Matthew 2:5 में राजा होरोड ज्योतिषियों से पूछता है कि उसे ज्ञात हुआ है जेरुसलम में कोई ज्योतिष आया था और उसने पूछा कि यहूदियों का सम्राट कहाँ है ? उस यहूदियों का सम्राट को कहाँ जन्म लेना था बताओ? तब उसके ज्योतिषी कहते हैं “बैथलहम में” जन्म लेगा. राजा होरोड ज्योतिषियों को बुला कर कहता है ” Then Herod secretly summoned the astrologers and carefully ascertained from them the time of the star’s appearing When sending them to Bethʹle·hem, he said: “Go make a careful search for the young child, and when you have found him, report back to me so that I too may go and do obeisance to him.”
बाईबिल ज्योतिषियों की अनेक सफल भविष्यवाणियों से भरी हुई है. साथ में अनेक जगहों पर असफल भविष्यवाणी पर ज्योतिषियों को राजाओं द्वारा भला-बुरा भी कहा गया है. बाईबिल Isaiah में ज्योतिषी को यह कहकर अपमानित किया गया है कि जीवित मनुष्य का भविष्य मृत पत्थर जैसे उल्का या ग्रह देख कर कैसे बता सकते हो? बाईबिल में सम्प्रदायों के पुजारी वर्ग और ज्योतिषियों में एक संघर्ष भी दिखता है.
प्राचीन बेबिलोनिया 2000-1000 BC के लगभग और मिश्र की प्राचीन संस्कृति 525 BC में ज्योतिषी ही प्रमुख स्थान रखते थे. मिश्र के Dendera में स्थित ओसिरिस देवी मन्दिर में जो ज्योतिष के रिलीफ मिले हैं वह यह सिद्ध करते हैं मिश्र के राजाओं के प्रमुख पुजारी ज्योतिषी ही होते थे.
बाईबिल ( Old and New Testament) दोनों में राशियों और नक्षत्रों का वर्णन अनेक जगहों पर किया गया है. बाईबिल में सभी ग्रहों का वर्णन है तथा कृत्तिकाओं, सप्तर्षियों, अगस्त तारा, आर्द्र ओरियन इत्यादि नक्षत्रों का भी वर्णन किया गया है तथा ज्योतिष के अनेक रहस्यों को बहुत सिम्बोलिक भाषा में लिखा गया है. इसे ईसाई धर्म के लोग ही बेहतर समझ सकते हैं. वर्तमान ईसाई धर्म के गुरुओं पर भी ज्योतिष का गहरा प्रभाव है.

