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कालपुरुष के मस्तक, नेत्र, कान, नाक, गला, गाल, ठोढ़ी, मुख, ग्रीवा, कंधा, हाथ, बगल, छाती, पेट, नाभि, वस्ति, उपस्थ या लिङ्ग, गुदा, अंडकोष, जांघ, घुटना और पैर इन समस्त अंगों का ज्योतिषशास्त्र में राशियों के साथ संबंध स्थापित किया गया है जो निम्नलिखित है –

काल पुरुष के अंगों में नक्षत्र विनियोग ..

  1. सिर में कृत्तिका 
  2. मस्तक में रोहिणी 
  3. भौंह में मृगशिरा
  4. कानों में आश्लेषा 
  5. आँखों में आर्द्रा
  6. नासिका में पुनर्वसु 
  7. होंठों में मघा 
  8. गर्दन में चित्रा 
  9. गालों में पुष्य
  10. दाई छाती में विशाखा 
  11. बाई छाती में स्वाति 
  12. बाई कलाई पू ० फाल्गुनी 
  13. दाई कलाई उ ० फाल्गुनी 
  14. कमर में श्रावण
  15.  आमाशय में ज्येष्ठा
  16.  रीढ़ में उ ० आषाढ़ा 
  17. पेट में अनुराधा 
  18. पीठ में पू ० आषाढ़ा 
  19. कोख में मूल 
  20. अंगुली में हस्त 
  21. गुदा में धनिष्ठा 
  22. दाई जंघा में पू ० भाद्रपद 
  23. बाई जंघा में शतभिषा 
  24. घुटनों में रेवती 
  25. पिंडुली में उ ० भाद्रपद 
  26. पैरों में भरणी . 
  27. पैरों के नीचे अश्विनी